हरदोई– लगातार अपने बेतुके बयानों के लिए जाने जाने वाले ओमप्रकाश राजभर की पार्टी भासपा के विंग भागीदारी आंदोलन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हरदोई में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई चौंकाने वाले मामलों पर बयान दिए हैं।
उन्होंने कहा कि वह जल्द बड़ा खुलासा करने वाले हैं और सरकार से भी अलग होने वाले हैं। साथ ही यह भी कहा कि सरकार की नीतियां सही नहीं है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं हैं। 6 महीने के लिए ओमप्रकाश राजभर को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए और साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को कई मुद्दों पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए भागीदारी आंदोलन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेमचंद प्रजापति ने कहा की एक एनकाउंटर का मामला नहीं है। 1500 लोगों की जान गई है। यहां पुलिस दबी कुचली जातियों का एनकाउंटर कर रही है। लखनऊ विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में हम 27 को इकट्ठा हो रहे हैं। भ्रष्टाचार उत्पीड़न 27 को अगर सरकार ने रवैया नहीं बदला तो हम सरकार से बाहर हो जाएंगे। एक ही रास्ता है सड़क पर आंदोलन किया जाएगा। इस प्रदेश को बचाने के लिए सड़क पर उतरेंगे। विवेक तिवारी हत्याकांड पर बोले कि पुलिस की सरासर गलती है ऐसे किसी को गोली नहीं मार सकते हैं। दोषी है तो कानून सजा देगा। इसमें जितने भी उस दिन ड्यूटी पर अधिकारी थे सभी पर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए। महंगाई के मुद्दे पर बोले मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे उन्होंने कहा था कांग्रेस की सरकार से इतना महंगा डीजल पेट्रोल कभी नहीं हुआ और आजादी के बाद 4 साल बाद ₹74 में डीजल बिक रहा है। यह दुर्भाग्य है।
ऐसे प्रधानमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए। मुख्यमंत्री को 6 महीने में बदलना चाहिए हर जाति का व्यक्ति मुख्यमंत्री होना चाहिए मैं तो कहूंगा माननीय मंत्री ओमप्रकाश राजभर को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, 6 महीने के लिए बनाओ। पहले जो योगी होते थे वह जंगल में रहते थे। पहली बार ऐसा हुआ है कि आज के योगी सत्ता के लिए परेशान है। भागीदारी के आधार को लेकर हमारी पार्टी लखनऊ रमाबाई मैदान में एक बड़े आंदोलन को करने जा रही है हमारे मांगे हैं कि उत्तर प्रदेश में शराब बंद होनी चाहिए 27% जो ओबीसी का आरक्षण है। उसका फायदा कुछ जातियों को जा रहा है साढे 22 पर्सेंट जो दलित भाइयों का आरक्षण है उसका भी फायदा कुछ जातियों का जा रहा है। हम भागीदारी आंदोलन मंच से मांग करते हैं कि इसका विभाजन होना चाहिए। इसमें पहले सरकार में राजनाथ जी ने इसकी वकालत की थी जब वहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। कई ऐसी जातियां हैं जो आजादी के बाद भी आरक्षण के लाभ से वंचित हैं। सबका साथ सबका विकास नारा फर्जी साबित होता है।
(रिपोर्ट – सुनील अर्कवंशी , हरदोई )