बहराइच — “कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों” इस शेर की लाइने बहराइच के रविशंकर पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं।
रविशंकर बहुत गरीब परिवार का बच्चा है महंगी किताबें खरीदने का भी उसके सामर्थ नहीं था तो माँग कर किताब पढ़ता। उसके पिता चाय बेचकर परिवार को पालते हैं, इसके बावजूद उसका सेलेक्शन टाटा इंस्टिडयूट आफ फंडा मेन्टल रिसर्च (टीआईएफआर) बैंगलोर में हो गया है। इसमें देश भर से 20 बच्चे चयनित हुए हैं लेकिन हिन्दी मीडियम का यह एकलौता बच्चा है, जिसने यूपी बोर्ड से इंटर किया और स्नातक की पढ़ाई अवध विश्वविद्यालय के किसान पीजी कालेज से की है।
बहराइच के रविशंकर जायसवाल के पिता स्टील गंज तालाब पर चाय बेचते हैं, लेकिन अब उनका बेटा रविशंकर टाटा इंस्टीट्यूट आफ फंडा मेन्टल रिसर्च बैंगलोर में रिसर्च करेगा। आल इंडिया लेवल पर हुई इस परीक्षा में 20 सफल क्षेत्रों में हिंदी माध्यम रवि देश का इकलौता छात्र है रविशंकर ; जिसने यह परीक्षा गणित विषय में पास की है। रविशंकर के घर और कालेज में खुशियों का माहौल है। उसे बहराइच की स्वयं सेवी संस्थाओं ने सम्मानित किया है।
रविशंकर ने कालेज के गणित विभागाध्यक्ष डॉक्टर विनय सक्सेना के निर्देशन में बैंगलोर स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेन्टल रिसर्च में इंटीग्रेटेड पीएचडी में आवेदन किया है।उसकी कामयाबी पर इलाके के लोग काफी प्रसन्न नजर आ रहे है । लोग छात्र के घर पहुंच परिजनों को बधाई दे रहे है ।
(रिपोर्ट – अमरेंद्र पाठक , बहराइच )