समाजवादी पार्टी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 82 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. वे पिछले कुछ दिनों से हरियाणा के गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को हुआ था. तीन महीने पहले उनकी दूसरी पत्नी का देहांत हुआ था. समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से पूरे देश में जहां शोक की लहर है. वहीं सभी राजनीतिक दल के लोग भी दुखी हैं.
ये भी पढ़ें..रक्षा मंत्री रहते मुलायम सिंह के वो 3 बड़े फैसले जिससे चौंक गई थी दुनिया
मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर सैफई में उनके घर पहुंच गया है. यहां बड़ी संख्या में लोग उनकी आखिरी झलक देख लेना चाहते हैं. मुलायम सिंह अमर रहे के नारे से गूंज रहा है माहौल.लोग एक झलक नेताजी की पा लेना चाहते हैं. कल दोपहर 3 बजे सैफई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. सैफई में मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए जनसैलाब उमड़ गया है.
सैफई पहुंचे सीएम योगी
वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी सैफई गए है. सीएम योगी ने धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव के अंतिम दर्शन कर अखिलेश से की संक्षिप्त बातचीत. योगी के साथ कैबिनेट के और मंत्री भी शामिल हैं. इससे पहले मैं स्वयं श्री मुलायम सिंह यादव जी के पैतृक निवास स्थान सैफई जाकर उन्हें उत्तर प्रदेश शासन एवं प्रदेश की जनता की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करूंगा. ईश्वर उनकी आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें. वे हमारी स्मृतियों में सदैव जीवंत रहेंगे.
10 बार विधायक और 3 बार रहे यूपी के सीएम
साल 1950 के दशक से मुलायम सिंह राजनीति में सक्रिय थे. इसी साल मुलायम सिंह ने किसानों के लिए लड़ाई लड़ी. पूर्व पीएम स्व. चौधरी चरण सिंह उन्हें ‘लिटिल नेपोलियन’ कहकर बुलाते थे. मुलायम सिंह साल 1989-1991, साल 1993-1995 और साल 2003-2007 तक 3 बार यूपी के सीएम रहे. वो 10 बार विधायक और 7 बार सांसद रहे हैं. मुलायम सिंह 1 जून, 1996 से 19 मार्च, 1998 तक देश के रक्षामंत्री रहे. तब उन्होंने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जिसके कारण सेना ने उन्हें बेस्ट रक्षा मंत्री का अवॉर्ड दिया था. मुलायम सिंह देश के पहले रक्षामंत्री थे जो सियाचिन ग्लेशियर पर गए थे. हालांकि, बताया जाता है कि वो गृह मंत्रालय चाहते थे.
इमरजेंसी के दौर में गए थे जेल…
जवानी के दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम पहले शिक्षक हुआ करते थे. बाद में समाजवादी नेता राममनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित होकर राजनीति में आए. साल 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहला चुनाव जीता और सबसे कम उम्र में विधायक बनकर राजनीतिक करियर शुरू किया. साल 1975 में इमरजेंसी के दौर में वो जेल भी गए. अक्टूबर, 1992 में उन्होंने जनता दल से अलग होकर समाजवादी पार्टी बनाई. मुलायम सिंह यादव का ये बड़ा कदम था जो उनके राजनीतिक जीवन के लिए मददगार साबित हुआ.
ये भी पढ़ें..शिक्षक ने साथियों के साथ मिलकर नाबालिग छात्रा के साथ किया दुष्कर्म, दी जान से मारने की धमकी
ये भी पढ़ें..लखनऊ के लूलू मॉल में नमाज पढ़ने का Video वायरल, हिंदू संगठन ने दी धमकी
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं…)