कानपुर — मुफलिसी गरीबी असल मायने में क्या होती है इसकी दास्ताँन कानपुर देहात में देखने को मिली। दरअसल एक बुज़ुर्ग महिला ने ज़हर खा कर हमेशा के लिए मौत की आगोश में समा गयी.वहीं पत्नि की मौत के गम में डूबे पति ने भी
डाई पीकर अपनी ज़िन्दगी ख़त्म करनी चाही जिसकी हालत अस्पताल में नाज़ुक बनी हुयी है.अब बुज़ुर्ग दंपत्ति के आत्महत्या करने की वजह भी सुन लीजिये वजह थी गरीबी.
बता दें कि सूबे के कानपुर देहात में एक बुज़ुर्ग दंपत्ति ने ज़हर खा कर मुफलिसी और गरीबी की एेसी इबारत लिखी जिसने सूबे में चल रही सरकारी योजनाओ की हकीकत बयान कर दी. दरअसल भोगनीपुर थाना क्षेत्र के पिलखिनी गाँव में रहने वाले मनीराम की पत्नी बिटनिया ने डाई पीकर आत्महत्या कर ली पत्नी की मौत से आहात होकर मनीराम ने भी डाई पी ली.हालांकि मनीराम जिला अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती है जहा उसका उपचार चल रहा है.
दरअसल बुज़ुर्ग दंपत्ति मनीराम और बिटनिया के कोई औलाद नहीं थी मनीराम की पत्नी बिटनिया लगातार बीमार रहती थी. मनीराम अपनी पत्नी का लगातार इलाज करा रहा था हालत ये हो गयी थी की पुस्तैनी ज़मीन इलाज के लिए बिक गयी खाने के लाले पड़ रहे थे.आलम यह था कि कई-कई दिन गुज़र जाते थे बुज़ुर्ग दंपत्ति को खाना नसीब नहीं होता था. लोग तरस खा कर भीख दे देते तो पेट में कुछ पड़ जाता था. ऊपर से बीमारी लगातार अपनी गिरफ्त में लिए हुयी थी मनीराम भी पत्नी को तिल-तिल मरता देख रहा था लेकिन बेबस था कुछ कर भी नहीं सकता था.
लिहाज़ा मनीराम की पत्नी बिटनिया ने डाई पी ली और हमेशा के लिए मौत की आगोश में समा गयी पत्नी की मौत के बाद मनीराम की जीने की ख्वाहिश ख़त्म हो गयी लिहाज़ा मनीराम ने भी डाई पी ली मरणासन्न अवस्था में इलाकाई लोग को जिला अस्पताल लाये और भर्ती कराया जहां उसकी हालत नाज़ुक बानी हुयी है. डॉक्टर्स की माने तो अस्पताल में भर्ती मनीराम को प्राथमिक उपचार दे दिया है आगे हालात देख रहे है. डाई का असर काफी देर बाद होता है लेकिन हालत अभी भी नाज़ुक है.
जहां सूबे में बीजेपी सरकार दम भर कर दावे कर रही है की सरकार गरीबो के लिए तमाम योजनाए लायी है. जिससे हैरान परेशान गरीबो को राहत मिल रही है. लेकिन अफसरशाही उन सभी योजनाओ को पलीता लगा रही है और वो सभी योजनाए गरीबो तक पहुंचने से पहले दम तोड़ देती है. कानपुर देहात की ये घटना कुछ ऐसे ही हालात बयान कर रही है.
(रिपोर्ट -संजय कुमार, कानपुर देहात )