फर्रुखाबाद–प्रदेश की बात छोड़ो जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार किस तरह हावी है इसका तो सभी को पता है। लेकिन अपने चार्ज से हटने के बाद भी अधिकारी भ्रष्टाचार करने से बाज नही आ रहे है।
सांसद मुकेश राजपूत ने फ़तेहगढ़ के बीएसए कार्यालय जाकर छापेमारी की।उन्होंने बीएसए बेगीश गोयल के कार्यालय में बैठकर डिस्पैच रजिस्टर मांगे।जिस पर बीएसए बेगीश गोयल ने उन्हें 20 जून से शुरू किया गया रजिस्टर ही दिखाया।जब उस रजिस्टर का अबलोकन सांसद ने किया तो उसमे कई अनिमिताओं को देखकर सांसद भड़क गये।उन्होंने बीएसए की क्लास लगा दी। इसके बाद उन्होंने 20 जून से पूर्व वाला रजिस्टर माँगा तो उन्हें बताया गया कि वह रजिस्टर लिपिक अरुण सक्सेना के पास है लेकिन वह छुट्टी पर है।
सांसद ने उपस्थित रजिस्टर देखा तो पता चला की छुट्टी पर होने के बाद भी अरुण सक्सेना के हस्ताक्षर मिले। काफी प्रयास के बाद भी सांसद को वह रजिस्टर उपलब्ध नही कराया गया। अरुण सक्सेना सांसद के साथ आये रमेश राजपूत को दिखाई पड़े।जब उन्होंने आबाज दी तो वह मौके से खिसक गये। सांसद ने एसएसए रजिस्टर भी चेक किया।इसके बाद उन्होंने नगर शिक्षा अधिकारी सोमवीर सिंह के कमरे में जाकर निरीक्षण किया। उनके भी डिस्पैच रजिस्टर में गडबडी मिली।तो सांसद ने लिखित रूप से रजिस्टर में आपत्ति दर्ज करायी। इसके साथ ही उन्होंने व्लाक संस्थान केंद्र बढ़पुर व जिला परियोजना कार्यालय भी देखा।
व्लाक संसाधन केंद्र में सांसद को अखिलेश सरकार के समय के हजारों बैग आदि भरे मिले।जिस पर सांसद को बताया गया कि पूरे जिले में लगभग एक लाख बैग भरे है। जिनका योगी सरकार बनने के बाद वितरण नही हो सका। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व बीएसए अनिल कुमार चार्ज छोड़ने के बाद भी नगर में डटे है।पुराना डिस्पैच रजिस्टर उन्ही के पास है और वह उसमे बड़े पैमाने पर रकम बसूली करने में विभागीय लोगों की मिली भगत से लगे हुये है।सांसद ने बीएसए कार्यालय के बाद जिलाधिकारी मोनिका रानी से भेट की।सांसद ने बताया कि बड़ी गडबडी मिली है।इसकी जाँच के लिये अधिकारीयों को निर्देशित किया जायेगा।जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।
( रिपोर्ट- दिलीप कटियार, फर्रूखाबाद )