बलिया–यूपी के बलिया जनपद में न्याय के लिए विवाहिता अपने 2 मासूम बच्चों को लोहे की जंजीरों में कैद कर चौराहे पर धरने पर बैठ गई । तपती धूप में रोते बिलखते बच्चों को जिसने भी देखा वो सहम उठा ।
क्या कोई माँ अपने माशूम बच्चों को जंजीर में बाँध सकती है?क्या कोई माँ अपने बच्चों को तपती धुप में झुसलने को मज़बूर कर सकती है ?कुछ ऐसा ही देखने को मिला बलिया जनपद के टीडी कालेज चौराहे पर, जहा एक माँ अपने दो मासूम बच्चियों को जंजीर से बांधकर न्याय की गुहार लगाती रही। इस दौरान कड़ी धुप में जंजीर में बंधे बच्चे तड़प रहे थे और देखने वाले हैरान और परेशान । दरअसल पीड़ित महिला की माने तो जून 2016 में सुखपुरा थाना क्षेत्र के धरहरा गांव में मेरी शादी बृजेश यादव से हुई शादी के बाद 2 बच्चे भी पैदा हुए।
उसके बाद मेरा पति मुझे अपने दोस्त के साथ ट्रैन से बलिया भेजा जहां यात्रा के दौरान उसका दोस्त मुझे मुगलसराय स्टेशन पर छोड़ कर भाग गया। तब से महिला ने जिलाधिकारी से लेकर पुलिस अधीक्षक तक गुहार लगाई यहाँ तक कि योगी जी के पास भी जनता दरबार मे भी गई लेकिन वहाँ से उसे महिला संग्रहालय भेज दिया गया। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जिसे डीएम, एसपी और मुख्यंत्री दरबार से न्याय नही मिल सका उसे स्थानीय पुलिस न्याय दिला पाएगी क्या ?
(रिपोर्ट-मनोज चतुर्वेदी, बलिया)