एटा– आज हम भले ही हाईटैक होने का दंभ क्यों न भरे लेकिन जमीनी हकीकत आज भी वैसी ही है जैसी सदियों पुरानी। यही वजह है कि समाज में ऐसी ढपोलशंखी मान्यताओं के चलते ऐसे मामले हमारे सामने आ ही जाते है।
ताजा मामला एक बार फिर एटा में सामनें आया है जहॉं बेटा न होने की सजा एक पत्नी को मिली है और पति ने बेटा न होने पर जहॉं उसकी तीन बेटियों के साथ घर से बाहर का रास्ता दिखा दिया। वहीं बेटे की ख्वाहिश में उसने पत्नी को धमकी भी दी है कि यदि उसने बेटा को जन्म ना दिया तो वो दूसरी बारात करने की धमकी दे दी है। बेटा न होने पर एक महिला को उसका दंश किस कदर झेलना पड़ता है ये तो थाने के चक्कर लगाती रेशमा बेगम ही जानती है। इनका कसूर सिर्फ इतना था कि इन्होंने कभी भी बेटे या बेटियों में कोई फर्क नहीं किया लेकिन ये सोच शायद इनके शौहर भूरा से मेल नहीं खाती। यही कारण है कि तीन बेटियों के बाद जब इनके शौहर ने इन्हें हुक्म सुनाया तो ये सकते में आ गयी और बेटा पैदा ना करने पर घर से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए कहा। क्योंकि इस हुक्म के पीछे इनके शौहर की वो सोच थी जो आज भी सदियों पुरानी रुढ़िवादी परम्पराओं को ही मानते चले आये है। बेटा न होने पर एक बार नहीं बल्कि इनके पति और बेगम की ननद ने चार बार जबरन इनकी सोनोग्राफी कराई और कोख में पल रही बेटी को उन्होंने जबरन 4 बार गर्भपात करा दिया जिसका मलाल आज भी रेशमा के चेहरे पर साफ देखा जा सकता है।
अब रेशमा घर से निकाले जाने के बाद रेशमा अपनी तीन बेटियों के साथ कासगंज के बिलराम गांव में अपने पिता के साथ रह रही है। वहीं उसने इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जिले के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ राज्य महिला आयोग से न्याय की गुहार लगा रही है।
(रिपोर्ट-आर.बी.द्विवेदी, एटा)