नागपुर– संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को देश के प्रबुद्ध वर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि भड़काने वालों की कमी नहीं है। इसका लाभ लेने वाली ‘ताकतें’ भी हैं। देश में जिस तरह कोरोना का फैलाव हुए उसकी एक वजह यह भी है।
यदि कोई भय से या क्रोध के वश में आकर कुछ गलत कर देता है तो पूरे समुदाय (मुस्लिम समुदाय) से दूरी बनाना ठीक नहीं है। संघ प्रमुख ने देशवासियों से ऐसी ‘ताकतों’ से सतर्क रहने की अपील की। संघ प्रमुख ने कहा कि सभी लोगों को घर में रहकर ही यह जंग जीतनी है। सभी लोग अपने घर में रहें और भगवान से प्रार्थना करें।
समुदाय से दूरी बनाना ठीक नहीं-
संघ प्रमुख ने अपने संबोधन में तब्लीगी जमात की घटना की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि यदि कोई भय से या क्रोध के वश में आकर कुछ गलत कर देता है तो पूरे समुदाय को लपेटकर उससे दूरी बनाना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की कोई कमी नहीं है जो दूसरों को उकसाते हैं और इसका फायदा उठाते हैं। उकसाना क्रोध को जन्म देता है और क्रोध गलतफहमी पैदा करता है। धीरे धीरे यह गलतफहमी चरमपंथी कृत्यों को जन्म देने लगती है। हम जानते हैं कि ऐसी ताकते हैं जो इससे लाभान्वित होती हैं। वे ताकतें कोशिशें कर रही हैं। ऐसे में हमें सजग रहने की जरूरत है।