न्यूज डेस्क — बीजेपी सरकार ने सासंदों को होली तोहफा दिया है। संसद सदस्यों को अब 40 हजार रुपये बढ़े हुए भत्ते मिलना लगभग तय हो गया है, क्योंकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को अनुमति दे दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कैबिनेट ने भत्ता नियमों में संशोधन को एक अप्रैल से लागू करने को मंजूरी दे दी, जिससे आवर्ती और गैर आवर्ती व्यय खर्च का अतिरिक्त बोझ क्रमश: 39 करोड़ रुपये और 6।64 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा। सरकार के सूत्रों ने बताया कि सांसदों के निर्वाचन क्षेत्र भत्ते, फर्नीचर भत्ते एवं संपर्क खर्चों में खासा इजाफा होगा।
संसदीय मामलों के मंत्री ने बयान जारी कर बताया कि सांसदों को अब निर्वाचन भत्ता प्रति महीने 45 हजार रुपये की बजाए 70 हजार रुपये मिलेगा। इसी तरह से कार्यालय भत्ता को 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दिया गया है। इन दो भत्तों के अलावा एकमुश्त फर्नीचर भत्ते को वर्तमान के 75 हजार रूपये से बढ़ाकर एक लाख रूपये कर दिया गया है।
सभी भत्ते एक अप्रैल 2023 से लागत वृद्धि के आधार पर हर पांच वर्ष बाद स्वत: बढ़ जाएंगे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि सांसदों के वेतन की प्रत्येक पांच वर्ष के बाद समीक्षा के लिए एक स्थायी प्रणाली बनायी जाएगी। सांसदों को 50 हजार रुपये का मूल वेतन और 54 हजार रुपये का निर्वाचन क्षेत्र भत्ता तथा अन्य भत्ते मिलते हैं। केन्द्र एक सांसद पर प्रति माह करीब 2।7 लाख रुपये व्यय करता है। लोकसभा में अध्यक्ष को छोड़कर 536 सांसद हैं जिनमें दो एंग्लो इंडियन समुदाय के मनोनीत सदस्य हैं। आठ सीटें रिक्त हैं। राज्यसभा में 239 सदस्य हैं।