न्यूज डेस्क — डॉक्टरों यूं ही नहीं धरती का भगवान कहा जाता है,वह हर बीमारी का इलाज कर व्यक्ति को नया जीवन प्रदान करता है। इसी कहावत को ब्रिटेन के डॉक्टरों सिद्ध कर दिखाया है।
दरअसल ब्रिटेन में एक एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति अब पूरी तरह से फिट हो चुका है।वह दुनिया का दूसरा ऐसा व्यक्ति बन गया है, जो इस बीमारी से पूरी तरह मुक्त हो चुका है।
डॉक्टरों का कहना है कि इसके लिए मरीज का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया है। ये बोन मैरो स्टेम सेल्स जिसने डोनेट किए हैं, उसे दुर्लभ आनुवंशिक उत्परिवर्तन है, जो एचआईवी संक्रमण को दूर करता है। इसके तीन साल बाद और एंटीरेट्रोवाइरल ड्रग्स के बंद होने के 18 महीने से अधिक समय बाद कई जांच की गईं। जिसमें मरीज के अंदर एचआईवी संक्रमण नहीं पाए गए।
वहीं इस व्यक्ति का इलाज करने वाले डॉक्टरों की टीम के सदस्य रविंद्र गुप्ता का कहना है, “कोई वायरस नहीं है, हम कुछ भी पता लगा सकते हैं।” डॉक्टरों का कहना है कि इस मामले से ये साबित होता है कि डॉक्टर एक दिन एड्स को पूरी तरह से खत्म करने के काबिल हो जाएंगे।
बता दें कि इससे पहले अमेरिका के रहने वाले टिमोथी ब्राउन का 2007 में जर्मनी में इलाज चला था, जिसके बाद वह एचआईवी से पूरी तरह ठीक हो गए। वह आज भी एचआईवी से मुक्त हैं।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में दुनिया के 3.7 करोड़ लोग एचआईवी से पीड़ित हैं। 1980 में शुरु हुई इस बीमारी से अब तक दुनिया के 3.5 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है। हाल के सालों में वैज्ञानिकों द्वारा की गई खोज से भी डॉक्टरों को इतनी उपलब्धि मिली है।
वहीं डॉक्टर गुप्ता का कहना है कि इस व्यक्ति को साल 2003 में एचआईवी हो गया था। इसके बाद उसे 2012 में बल्ड कैंसर हो गया। 2016 में वह काफी बीमार था। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसके सेल ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया। डोनर में जेनेटिक म्यूटिलेशन CCR5 डेल्टा 32 है, जो एचआईवी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।