न्यूज डेस्क — अमेरिका में रहने वाली एक भारतीय मूल की पत्रकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर बलात्कार करने का आरोप लगाया है. पल्लवी गोगोई नाम की ये पत्रकार नेशनल पब्लिक रेडियो (NPR) में चीफ बिजनेस रिपोर्टर हैं.
उन्होंने ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ अखबार में एक कॉलम में पूरी घटना का ज़िक्र किया है. हालांकि एमजे अकबर के वकील ने इन आरोपों को झूठा करार दिया है.
वहीं एमजी अकबर लगे इन आरोपों का खंडन कर स्टेटमेंट की कॉपी प्रकाशित की गई है. इसमें एमजे अकबर ने बताया, “मुझे वॉशिंगटन पोस्ट में छपे आर्टिकल की जानकारी मिली, जिसमें 23 साल पुरानी कथित घटना का जिक्र है. ये आरोप झूठे हैं और मैं इन्हें नकारता हूं. 1994 में पल्लवी गोगोई और मैं रिलेशनशिप में थे, जिसमें दोनों की सहमति थी. हमारा रिलेशन कुछ महीनों तक चला. इसके कारण मेरे पारिवारिक जीवन में मुश्किलें आईं और हमारा संबंध खत्म हो गया.”
बता दें कि वॉशिंगटन पोस्ट अखबार में एक कॉलम में पूरी घटना का जिक्र करते हुए पल्लवी गोगोई ने लिखा है कि एमजे अकबर एक शानदार पत्रकार थे लेकिन ‘एशियन एज’ अखबार में एडिटर-इन-चीफ रहते हुए उन्होंने अपने अपने पद का दुरुपयोग किया. गोगोई ने जब एशियन एज में नौकरी शुरू की थी, तब उनकी उम्र सिर्फ 22 साल थी. पल्लवी के मुताबिक घटना 1994 की है.
गोगोई ने लिखा है, ‘मैं उनकी भाषा शैली से काफी प्रभावित थी. मैं सोचती थी कि काश मैं भी ऐसा लिखूं.पल्लवी लिखती हैं कि मैंने जर्नलिस्ट बनने का फैसला कर लिया था लेकिन अकबर की किताबों से मेरा सामना होने के बाद मेरी इच्छा, जुनून में तब्दील हो गई. ऐसे में उनकी गालियों को भी मैं सह लेती थी.’सिर्फ 23 साल की उम्र में गोगोई को अखबार में ओपिनियन पेज का एडिटर बना दिया गया. लेकिन उनका कहना है कि इसके लिए उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ी।
उस दिन को याद करते हुए उन्होंने लिखा है.। ”अकबर ने मेरी तारीफ की, लेकिन अचानक ही उसने मुझे किस कर लिया. मैं बेहद डर गई….मैं शर्मिंदा हो गई.” गोगोई ने पूरी घटना अपने एक साथी को बताई. गोगोई ने लिखा एक बार फिर मुझे उनके साथ एक प्रोजेक्ट के लिए जयपुर जाना पड़। उन्होंने किसी स्टोरी को डिस्कस करने के बहाने मुझे अपने कमरे में बुलाया. मैं जैसे ही उनके कमरे में पहुंची उन्होंने जबरन मेरे कपड़े उतार दिए और मेरा रेप किया. मैंने उनसे बचने की बहुत कोशिश की पर हो न सका. मुझे ये हादसा अपनी गलती लगा. मुझे एहसास हो रहा था कि मुझे उनके कमरे में जाना ही नहीं चाहिए था, इसलिए मैंने इस हादसे के बारे में किसी के साथ चर्चा नहीं की.
गौरतलब है कि एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. आरोपों के बाद उन्हें मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था. मीटू कैंपेन के तहत यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने अपनी सफाई देने के बाद कानूनी रास्ता अपनाया है.