इन्होने शादी के कार्ड पर लिखवाया “मतदाता – जागरूकता” संबंधी संदेश

सीतापुर–शादियों के मौसम में आम तौर पर लोग चुनाव या किसी बड़े त्यौहार के दिन विवाह की तारीख नहीं निकलवाते ताकि विवाह में सभी रिश्तेदार शामिल हो सकें। साथ ही तैयारियों में कोई बाधा न आए और आवागमन में कोई दिक्कत न हो। इससे इतर यूपी के सीतापुर शहर के साधारण व्यापारी पिता के बेटे सिद्धार्थ गुप्ता ने इन दिक्कतों की परवाह नहीं की।

 सिद्धार्थ के विवाह की तारीख 29 नवंबर तय थी। 28 अक्टूबर को जब निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीख का ऐलान किया तो पता चला कि सीतापुर में 29 नवंबर को ही मतदान होगा। सिद्धार्थ के पिता राजेश गुप्ता कहते हैं कि उन्हें जब मालूम हुआ कि जिस दिन विवाह है, उसी दिन मतदान भी होना है तो उन्होंने इसे अपने लिए अच्छा संयोग माना। साथ ही सकारात्मक सोच के तहत तय किया कि विवाह के आमंत्रण पत्र के माध्यम से रिश्तेदारों, शुभचिंतकों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करेंगे। परिवार के अन्य सदस्यों से रायमशविरा लेकर निमंत्रण पत्र में बदलाव किया, जिसे वह अब वितरित कर रहे हैं। उन्होंने निमंत्रण पत्र पर स्लोगन छपवाया है ‘मतदान दिवस 29 नवंबर 2017 को सारे काम छोड़ दो, सबसे पहले वोट दो।’ यह अपील सिद्धार्थ और उनकी होने वाली पत्नी आकांक्षा की तरफ से की गई है। 

कार्ड पर सबसे नीचे लिखवाया कि मतदान न केवल आप का हक है, जिम्मेदारी भी है। सिद्धार्थ के पिता राजेश गुप्ता कहते हैं कि निमंत्रण पत्र पर स्लोगन के बारे में वधू पक्ष के लोगों से राय ली गई तो वे भी बहुत प्रभावित हुए। खासकर वधु आकांक्षा। खास बात ये है कि सिद्धार्थ का विवाह लखीमपुर जिले के गोला निवासी सर्वेश गुप्ता की बेटी आकांक्षा से तय हुआ है। वहां भी उसी दिन मतदान होना है। राजेश ने बताया कि वधु पक्ष के लोग सीतापुर ही आएंगे, यहीं पर वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न होंगे। इसलिए वधू पक्ष के सभी लोगों ने संकल्प लिया है कि वोट डालने क बाद ही सीतापुर के लिए रवाना होंगे। इसी तरह सीतापुर में भी मतदान करने पर जोर दिया जा रहा है ताकि लोकतंत्र को मजबूती प्रदान हो। 

इस शानदार पहल पर डीएम डॉक्टर सारिका मोहन ने कहा कि सिद्धार्थ और उनके पिता राजेश गुप्ता ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए विवाह के आमंत्रण पर जो स्लोगन छपवाया है, वह सराहनीय है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए ऐसे लोगों को आगे आकर मतदाताओं को जागरूक करने के लिए हिम्मत दिखानी चाहिए, ताकि और लोग भी प्रेरणा लें। वोटिंग के दिन घर से निकलें और पहले मतदान करें, फिर दूसरा काम। इस परिवार का यह काम भी किसी समाजसेवा से कम नहीं है। 

 

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