‘यूपी समाचार’ की खबर के असर के बाद भी आदेशों की उड़ाईं गई धज्जियाँ

फर्रुखाबाद– अपरा काशी पांचाल घाट पर जनवरी में माघ मेला समापन के बाद कल्पवासियों व दुकानदारों द्वारा गंगा के किनारे पॉलिथीन के साथ तमाम प्रकार की गंदगी छोड़ी गयी थी। यूपी समाचार ने गंदगी से होने वाली बीमारियों की खबर प्रकाशित की थी। 

उसके बाद मेला रामनगरिया के सफाई ठेकेदार के सफाई कर्मचारियों ने सफाई करने की जगह पॉलिथीन व कूड़े – कचड़े में आग लगा दी। आग लगने के बाद इटावा-बरेली हाईवे से गुजरने वाले लोगो को स्वास लेने में भी परेशानी होने लगी थी। लेकिन सफाई कर्मचारियों से लेकर सभी अधिकारियों को शासन द्वारा यह निर्देश जारी किए गए थे कि गंगा के किनारे कोई गंदगी नही छोड़ी जायेगी और न ही पॉलिथीन को मेला क्षेत्र में जलाया जायेगा ; फिर भी उसमे आग लगाई गई । आग लगाने वाली घटना के बारे में जब जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब मांगा गया तो वह दो तीन दिनों तक कोई जबाब नही दे सके थे लेकिन बाद में उन्होंने पॉलिथीन में आग लगाने की बात को स्वीकार कर लिया। 

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मेले में गंदगी से बस्तियों में रहने वालों को कई प्रकार की बीमारियां पैदा हो रही है। लेकिन अभी तक मेले में गंदगी की सफाई नही कराई गई है। उधर जिला पंचायत राज अधिकारी अमित ने बताया कि मेला व्यवस्थापक के द्वारा कूड़े में आग लगाने की जानकारी मिली है। जबकि उनको आदेश दिया था कि पॉलिथीन को गंगा के क्षेत्र से बाहर लाकर नष्ट किया जाए। लेकिन यदि उन्होंने ऐसा नही किया है तो उसकी जांच कराकर उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।

बता दें यूपी समाचार ने पिछले महीने ही छोटा कुंभ कहे जाने वाले फर्रुखाबाद के मेला रामनगरिया क्षेत्र में बुनियादी संसाधनों की कमी के साथ – साथ वहां चौतरफा फैली गंदगी, पेयजल की उपलब्धता व शौचालयों का पर्याप्त इंतजाम न होने से लोगों को होने वाली समस्याओं के बारे में खबर प्रकाशित की थी।  जिसके बाद सफाई कर्मचारियों ने सफाई तो की लेकिन गलत तरीके से ;जिससे समस्याएं और भी बढ़ गयी हैं। 

आखिर कब होगी सफाई:

गंगा क्षेत्र की सफाई को लेकर भाजपा सरकार कई अभियान चला रही है। जिला प्रसाशन रोज तारीख तय करता है लेकिन सफाई नही करा पाता है। जिस कारण लोग कहते है कि मेला से अधिकारियों ने आमदनी तो बहुत कर ली अब उनको सफाई कराने से क्या मतलब क्योकि गंदगी में तो हम लोगो को रहना पड़ता है।

(रिपोर्ट – दिलीप कटियार , फर्रुखाबाद )

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