मेरठ — जिले में होने वाली भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का जहाँ वकीलों ने विरोध करते हुए हंगामा किया वहीं सफाई कर्मचारी भी अपनी मांगों को लेकर कार्यक्रम हॉल के बाहर पहुँच गए।
सफाई कर्मचारियों की माने तो प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान मिशन में सबसे अहम भूमिका सफाई कर्मचारियों की है। लेकिन मेरठ के सफाई कर्मचारियों का लगातार पिछली सरकार से उत्पीड़न होता रहा है साथ ही उनका कहना है कि पिछली प्रदेश सरकार ने 2215 सफाई कर्मचारियों को संविदा से यह कहकर हटा दिया था कि वाल्मीकि समाज भाजपा का वोटर है।
लेकिन अब भाजपा सरकार को बने हुए भी 1 साल से ज्यादा समय हो गया फिर भी सफाई कर्मचारियों की नहीं सुनी जा रही है । आउटसोर्सिंग पर काम करने पर भी सफाई कर्मचारियों को 7 हजार 500 वेतन दिया जाता है जिससे वह अपने परिवार का गुजारा करने में असमर्थ हैं आज वह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी संविदा बहाली करने की गुहार लगाने पहुँचे हैं।
(रिपोर्ट-अर्जुन टंडन,मेरठ)