मेरठ — पुलवामा में देर रात जारी ऑपरेशन में मास्टरमाइड गाजी का खात्मा करने के दौरान फिर देश ने 1 मेजर सहित अपने 4 जवानों को खो दिया है। जिसमे मेरठ के जांबाज अजय कुमार भी शामिल थे।
सुरक्षाबलों ने पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हमले को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड आतंकी गाजी रशीद उर्फ कामरान को रविवार देर रात शुरू हुई मुठभेड़ में मार गिराया है। लेकिन जिन जांबाज जवानों ने दोनों आतंकियों का खात्मा किया है उस टीम में मेरठ के जवान अजय कुमार भी शामिल थे। यहां मुठभेड़ में दुश्मन से लोहा लेते हुए वह वीरगति को प्राप्त हुए।
ताजा जानकारी के अनुसार घेराबंदी में दो आतंकियों को सेना के जवानों ने मार गिराया।बताया जा रहा है दोनों आतंकी पुलवामा हमले का मास्टर माइड भी शामिल है। मुठभेड़ के दौरान आतंकी जिस इमारत में छिपे थे उनके ठिकाने को भी सेना ने उड़ा दिया है। इस आतंकी हमले में शहीद हुए चार जवानों में मोदीनगर से सटे मेरठ के जानी थाना इलाके के बसी टीकरी गांव के सिपाही अजय कुमार पुत्र वीरपाल सिंह भी शामिल है।
वहीं बेटे की शहादत की सूचना मिलते ही जवान अजय के घर में कोहराम मच गया। आस-पास के लोगों की भीड़ उनके घर पर जुटी हुई है जानकारी के अनुसार शहीद जवान अजय 7 अप्रैल 2011 को ’20 ग्रेनेडियर्स’ में नियुक्त हुए थे। फिलहाल वह 55 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। परिजनों ने बताया कि अजय 31 जनवरी को एक माह की छुट्टी के बाद ड्यूटी पर लौटे थे। तीन दिन पहले ही पुलवामा हमले के बाद परिजनों को उनकी चिंता होने लगी थी, जिसके बाद परिजनों ने अजय से फोन पर बात की थी।
बताया जा रहा है कि रविवार को एंनकाउंटर पर जाने से पहले शहीद जवान ने आखिरी बार अपनी पत्नी प्रियंका से फोन पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि फिक्र मत करना मैं एक स्पेशल टास्क पर जा रहा हूं वापस लौटकर फोन करूंगा। लेकिन उस मासूम पत्नी को क्या पता था कि अब अजय का फोन नहीं उसकी शहादत की ख़बर आयेगी। सोमवार सुबह पति की शहादत की खबर सुनते ही पत्नी प्रियंका बेहोश हो गईं। गौरतलब है कि अजय के पिता वीरपाल सिंह सेना से रिटायर्ड हैं। वहीं अजय अपने परिवार के इकलौते सहारे थे।
दरअसल, उनके भाई की सात माह पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। उनकी एक बहन है लेकिन उसकी शादी हो चुकी है। अजय की शादी चार साल पहले हुई थी। उनका एक ढाई साल का बेटा है। जिसका नाम आरव है।
वहीं यूपी समाचार से बातचीत में उनकी पत्नी ने सरकार से खून का बदला खून से लेनी की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह उनके पति देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए सरकार को अजय की याद में कोई ऐसी चीज इस गांव को देनी चाहिए जिससे दुनिया उनकी शहादत को याद रखे। इसके अलावा उनका कहना है कि आतंकवाद का खात्मा और पाकिस्तान का नाम नक्शे से मिटाकर सरकार को इन वीर शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि देनी चाहिए।
उधर अजय के घर मौजूद युवा से लेकर बुजुर्ग और रिटायर फौजी, रिटायर्ड नेवी और रिटायर्ड एयरफोर्स के लोगों का कहना है कि उनको दोबारा भर्ती किया जाए जिससे वह अपने देश के शहीदों का बदला ले सके और पाकिस्तान का नामोनिशान नक्शे से मिटा सके, इसके लिए अपनी जान देने के साथ-साथ सरकार की पैसे से भी मदद करेंगे। आप खुद देख सकते हैं कि इन लोगो में कितना गुस्सा है कितना उबाल है इनके खून में। जिस बुजुर्ग की उम्र लाठी पकड़कर चलने की है लेकिन वो भी दोबारा फौज में जाकर अपने देश का बदला लेना चाहता है।
वहीं शहीद अजय कुमार के घर नेताओं का ताता लगा हुआ है जिसमे भाजपा केन्द्रीय मंत्री सतपाल, विधायक संगीत सोम और रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयन्त चौधरी सहित कई नेता पहुंचे। जबकि परिजनों ने राजनेताओं का जमकर विरोध किया। वहीं मोदी जी की वारणसी रैली पर भी सवाल उठाए सवाल उनका कहना है कि मोदी जी और योगी जी को आना चाहिए था।इस दौरान युवाओं और महिलाओं ने पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
(रिपोर्ट-सागर कुशवाहा,मेरठ)