भ्रष्टाचार मामले में निलंबित यूपी पुलिस में तैनात इंस्पेक्टर की मुश्किले बढ़ती ही जा रहा है। फरार इंस्पेक्टर बिजेंद्र की गिरफ्तारी से साथ उन पर अब इनाम भी घोषित किया जा सकता है। दरअसल फरार चल रहे सदर बाजार थाने में तैनात इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा का शपथ पत्र दाखिल करने का समय पूरा हो गया है। बावजूद इसके उन्होंने अभी तक पुलिस लाइन में आमद नहीं कराई है। जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी से साथ इनाम भी घोषित करने की तैयारी चल रही है।
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बता दें कि थानाध्यक्ष बिजेंद्र राणा को वीरता पदक दिए जाने की घोषणा की गई थी। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि विवेचक की तरफ से प्रार्थना पत्र मिलने के बाद इनाम घोषित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। हालांकि इंस्पेक्टर हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत के लिए प्रयागराज में डेरा डाले है।
दरअसल मेरठ के सदर बाजार थाने तैनात इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा और हेडकांस्टेबल मनमोहन के खिलाफ खतौली के विकार आमिर उर्फ वकार ने भ्रष्टाचार, अवैध हिरासत में रखकर मारपीट करना और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने हेडकांस्टेबल मनमोहन को जेल भेज दिया है। मनमोहन के बयानों के आधार पर ही मुकदमे में इंस्पेक्टर को आरोपित बनाया गया है।
हेडकांस्टेबल ने इंस्पेक्टर के खिलाफ दिए साक्ष्य
यही नहीं हेडकांस्टेबल ने मनमोहन ने इंस्पेक्टर के खिलाफ कुछ साक्ष्य भी दिए हैं, जिसमें इंस्पेक्टर और मनमोहन के बीच बातचीत की आडियो है। पुलिस की जांच में सामने आया कि इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा के कहने पर ही हेडकांस्टेबल ने विकार से रकम वसूली थी। मनमोहन ने अपने बयानों में बताया कि ट्रक चोरी का फर्जी मामला दर्ज कराने वाले ट्रक स्वामी और चालक को छोड़ने की एवज में भी तीन लाख की रकम वसूली गई।
ट्रक स्वामी और चालक के भी इस पूरे प्रकरण में बयान दर्ज कराए जाएंगे। मुकदमा दर्ज होने के बाद इंस्पेक्टर बिजेंद्र राणा वाट्सएप पर अफसरों को प्रयागराज में शपथ पत्र दाखिल करने का मैसेज डालकर लखनऊ निकल गए थे। समय पूरा होने के बाद भी इंस्पेक्टर ने पुलिस लाइन में आमद नहीं कराई है। एसएसपी का कहना है कि विवेचक सीओ क्राइम की जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
परिवार की संपत्ति की हो रही जांच
पुलिस के एक टीम गोपनीय तरीके से बिजेंद्र राणा, उनके रिश्तेदार और स्वजन के नाम संपत्ति की जांच कर रही है। ताकि जांच रिपोर्ट भेजकर इंस्पेक्टर के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा सकें। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड राज्य में भी बिजेंद्र राणा की संपत्ति की जांच की है। बिजेंद्र राणा कंकरखेड़ा से लेकर गंगानगर तक के थानों की कमान संभाल चुके हैं।
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