मीडियाकर्मी और डॉक्टर बने भगवान !

एटा– उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ गरीबों के स्वास्थ्य को लेकर कितने गंभीर और चिंतित है, ये प्रदेश के जिला अस्पताल व सामुदायिक केंद्रों में बेहतर इलाज के बदलावों में आई बढ़ोत्तरी से पता चलता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का सपना साकार होता दिख रहा है। 

इसकी तस्वीर जनपद एटा में देखने को तब मिली जब एक वीपीएल श्रेणी का एक गरीब, मजदूर अपने 28 बर्षीय बेटे महेश चन्द्र की शरीर मे हुई खून की कमी बीमारी से सीरियस हालत हो गई। खून की कमी की बीमारी से पीड़ित बेटे को वो जिला अस्पताल लेकर आये जिसको इमरजेंसी में एडमिट करा दिया गया, लेकिन  खून की जांच के बाद ब्लड चढ़ाने की कई औपचारिकताये होती है जिसमे घण्टों लग जाते है। एक पल भी लेट होना शायद उसके लिए मौत होने से कम नही था। उसको खून की बेहद कमी थी जिसका चढ़ना बेहद जरूरी था। वही सूचना पर मीडिया की टीम जिला अस्पताल पहुच गई और पत्रकारिता को छोड़ उन्होंने मानवता का परिचय देते हुए जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) वी.के सागर से मिलकर गरीब मजदुर के बेटे के इलाज की पहल करते हुए सीएमएस से ब्लड के यूनिट को मुफ्त कराकर ब्लड़ चढ़ाया गया, जिससे मजदूर का बीमार बेटा मौत के मुँह से निकल कर जिंदगी जीने के सपने देख रहा है। वही अब उसे भी लग रहा है कि में अब ठीक हो जाऊंगा और उसके पिता बार,बार मीडिया को धन्यवाद देते हुए स्वास्थ्य बिभाग की टीम को भी धन्यवाद देते दिख रहे है।

बताया जाता है कि थाना रिजोर क्षेत्र के गाँव छोटी निधौली मे एक मुन्नालाल नामक मजदूर का 28 बर्षीय बेटा उमेश गंभीर बीमारी से बीमार था जिसके चलते उसका हीमोग्लोबिन कम हो गया था  जिससे खून की कमी की बीमारी से पीड़ित बेटे को वो जिला अस्पताल लेकर आये जिसको इमरजेंसी में एडमिट करा दिया गया लेकिन ब्लड, खून की जांच के बाद ब्लड चढ़ाने की कई औपचारिकताये होती है जिसमे घण्टों लग जाते है। लेकिन शायद आज ब्लड की जांचे नही हो पाती, लेकिन मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहा था एक पल भी लेट होना शायद उड़के लिए ठीक नही था, उसको खून की बेहद कमी थी जिसका चढ़ना जरूरी था। लेकिन प्रभारी चिकत्साअधीक्षक ने मानवता दिखाते हुए उसको तुरंत अस्पताल में भर्ती कराकर उसके लिए ब्लड बैंक से खून की व्यवस्था करके उसकी जान को बचाया लिया है। 

वही पीड़ित की माने तो ये सब मीडिया की वजह से ही संभव हो सका है। इतना ही नहीं पीड़ित ने डॉक्टर और मीडिया के लोगो को भगवान तक का दर्जा तक दे डाला। बीमारी से ग्रस्त महेश अब खतरे से बाहर है। और उसका भी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

(रिपोर्ट – आर. बी. द्विवेदी, एटा )  

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