न्यूज़ डेस्क —जब कभी आप किसी भारतीय रेल के सेंट्रल पर खड़े होते हैं तो ट्रेनों के हॉर्न की तरह – तरह की आवाजों से आपके सिर में कभी कभी दर्द हो जाता होगा और आपने कई बार ट्रेन में सफर किया होगा। सफर के दौरान ट्रेन के हॉर्न की आवाज तो सुनी होगी लेकिन क्या आपको पता है कि हॉर्न सिर्फ ट्रेन के प्रस्थान या आगमन के लिए ही नहीं बजाया जाता है बल्कि इसके कई मतलब होते हैं। आइये आज भारतीय रेल के अलग – अलग हॉर्न के बारे में जानते हैं…
जब बजता है एक छोटा हॉर्न: इसका मतलब होता है कि ट्रेन यार्ड में धुलाई और सफाई के लिए जाने को तैयार है जहां से अपनी अगली यात्रा पर रवाना होगी।
जब बजते हैं दो छोटे हॉर्न: इसका मतलब होता है कि ट्रेन यात्रा के लिए तैयार है। मोटरमैन इसके जरिए गार्ड को संकेत देता है कि वह ट्रेन को यात्रा शुरू करने के लिए रेलवे सिगनल दे।
जब बजते हैं तीन छोटे हॉर्न: मोटरमैन बहुत ही कम तीन छोटे हॉर्न का उपयोग करता है। इसका मतलब होता है कि मोटरमैन का मोटर से कंट्रोल खत्म हो गया है और गार्ड वैक्यूम ब्रेक को तुरंत खींचे।
जब बज जाएँ चार छोटे हॉर्न: यह ट्रेन में तकनीकी खराबी का संकेत है और इसका मतलब ट्रेन आगे नहीं जाएगी।
जब बजे एक लंबा और एक छोटा हॉर्न: इसका मतलब होता है कि मोटरमैन इंजन को शुरू करने से पहले गार्ड को ब्रेक पाइप सिस्टम सेट करने के लिए सिगनल दे रहा है।
जब बजें दो लंबे और दो छोटे हॉर्न: इसका मतलब मोटरमैन गार्ड को इंजन का कंट्रोल लेने के लिए संकेत दे रहा है।
लगातार बजने वाला हॉर्न: जब भी कोई इंजन लगातार हॉर्न बजाता है तो इसका मतलब होता है कि ट्रेन स्टेशन पर रुकेगी नहीं। ये यात्रियों के लिए होता है ताकि वे जान सके कि ट्रेन इस स्टेशन पर रुकेगी नहीं।
जब दो बार रुककर हॉर्न बजे : ये हॉर्न रेलवे क्रॉसिंग के पास बजाया जाता है ताकि वहां खड़े लोगों को संकेत मिले और वे रेलवे लाइन से दूर हट जाए।
दो लंबे और एक छोटा हॉर्न: इसका मतलब होता है कि ट्रेन ट्रैक बदल रही है।
दो छोटे और एक लंबा हॉर्न: इसका मतलब होता है कि किसी यात्रा ने चेन खींची है या गार्ड ने वैक्यूम ब्रेक खींचा है।
जब बजें छह बार छोटे हॉर्न: इसका मतलब होता है कि ट्रेन किसी मुसीबत में फंस गई है।
—श्वेता सिंह , यूपी समाचार