लखनऊ– महाराष्ट्र के पुणे में हुई जातीय हिंसा पर अब राजनीतिज्ञों ने अपनी अपनी रोटियां सेंकनी शुरू कर दी हैं। यूपी की पूर्व सीएम और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है। मायवती ने कहा- “ये जो घटना घटी है ; ये रोकी जा सकती थी।
सरकार को वहां सुरक्षा के उचित प्रबंध करना चाहिए था। महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार है और उन्होंने वहां हिंसा कराई, लगता है इसके पीछे बीजेपी, RSS और जातिवादी ताकतों का हाथ है।” मायावती ने कहा- “वे नहीं चाहते कि दलित वर्ग के लोग अपने इतिहास को बरकरार रखें। ये नहीं चाहते हैं कि दलित सम्मान और गर्व के साथ जिंदगी बिताएं। जानबूझकर हिंसा कराई गई है।”
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस हिंसा पर मंगलवार शाम ट्वीट कर कहा कि भारत के लिए RSS और बीजेपी का फासीवादी दृष्टिकोण ही यही है कि दलितों को भारतीय समाज में निम्न स्तर पर ही बने रहना चाहिए।राहुल गांधी ने उना की घटना और रोहित वेमुला का भी जिक्र किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा, ‘उना, रोहित वेमुला और अब भीमा-कोरेगांव प्रतिरोध के सशक्त प्रतीक हैं।’ दरअसल, यह पूरा विवाद 1 जनवरी 1818 के दिन हुए उस युद्ध को लेकर है, जो अंग्रेजों और पेशवा बाजीराव द्वितीय के बीच कोरेगांव भीमा में लड़ा गया था। इस युद्ध में अंग्रेजों ने पेशवा को शिकस्त दे दी थी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ईस्ट इंडिया कंपनी की फौज में बड़ी संख्या में दलित भी शामिल थे। अब इस युद्ध में अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए ही पुणे में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिस पर बवाल हो गया। दलित और मराठा समुदाय के लोग सड़क पर आ गए।