प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन नए कृषि कानून की वापसी के ऐलान के बाद से ही इसपर राजनीतिक घमासान जारी है। वहीं राजनीतिक पार्टियों के बीच वाद-विवाद का सिलसिला लगातार जारी है। दरअसल, बसपा सुप्रीमों मायावती ने बीजेपी नेताओं के भड़काऊ बयानों पर रोक लगाने की मांग की हैं। उन्होंने कहा पीएम मोदी द्वारा लगभग एक वर्ष से आंदोलनरत किसानों की तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को स्वीकार किए जाने के साथ-साथ उनकी कुछ अन्य जायज मांगों का सामयिक समाधान भी करना जरूरी है।
मायावती ने कांग्रेस के विचारों को बताया छलावा:
बसपा सुप्रीमो मयावती ने सोमवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि “कांग्रेस द्वारा पार्टी के गिरते जनाधार को रोकने व राजनीतिक स्वार्थ के चलते पंजाब में विधानसभा आमचुनाव से ठीक पहले दलित को सीएम बनाना और अब राजस्थान में एससी/एसटी मंत्री बनाकर उसको भाजपा द्वारा केन्द्रीय मंत्रिमण्डल विस्तार की तरह इनके हितैषी होने का ढिंढोरा पीटना शुद्ध छलावा”।
मायावती ने इंदिरा गांधी पर लगाया आरोप:
बसपा सुप्रीमो ने लिखा कि, कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये को देश ने बहुत झेला है। अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न न हो, ऐसी देश को आशा है”।
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