लखनऊ–बसपा प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा को 1984 जैसी हिंसा करार दिया और कहा कि अभी हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली के कुछ इलाकों में यहाँ सन् 1984 के हुये भीषण सिख दंगों की तरह ही फिर से हुये दंगों ने दिल्ली सहित पूरे देश को हिलाकर रख दिया है।
जिसमें जान – माल का जबरदस्त नुकसान हुआ है। वह अति – दुःखद व अति – निन्दनीय भी है । लेकिन इससे भी ज्यादा यहाँ अति – गंभीर व चिन्ता की बात यह है कि वर्तमान में दिल्ली में इन हये दंगों की आड़ में , जो अब घिनौनी राजनीति की जा रही है जिसे पूरा देश देख रहा है तो उससे भी यहाँ सभी राजनैतिक पार्टियों को जरूर बचना चाहिये ।
इसके साथ – साथ यहाँ मेरा सलाह के तौर पर यह भी कहना है कि उत्तर प्रदेश में बी . एस . पी . की रही सरकार की तरह ही , यहाँ दिल्ली में भी वर्तमान केन्द्र की सरकार को पुलिस व प्रशासन को हर स्तर पर चुस्त व दुरस्त करके उन्हें कानून – व्यवस्था को सुधारने के लिए पूरी आजादी ( फ्री हैण्ड ) से ड्यूटी करने को मौका देना चाहिये और उनके काम में किसी भी प्रकार से कोई भी दखलन्दाजी नहीं होनी चाहिये , जबकि उत्तर प्रदेश में हमारी पार्टी की रही सरकार ने वहां हमेशा जाति , धर्म व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सबको बराबर न्याय दिया है तभी ही यहाँ कानून द्वारा कानून का राज कायम हो सका है जिसकी प्रशंसा आज भी सभी विरोधी पार्टियों के लोग अपनी दबी जबान में जरूर करते हैं,,
अन्त में अब मेरा केन्द्र सरकार को यह भी कहना है कि दिल्ली में हुये दंगों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिये । साथ ही , जिनका इन दंगों में जानी – माली नुकसान हआ है उनकी केन्द्र व दिल्ली सरकार को भी मिलकर पूरी भरपाई करनी चाहिये अर्थात् सरकार को यहां दुःखी व पीड़ित परिवार की हर स्तर पर पूरी – पूरी आर्थिक मदद जरूर करनी चाहिये और इस सम्बन्ध में मैं जल्दी ही माननीय राष्ट्रपति जी को भी चिट्ठी लिखने वाली हूँ ।