लखनऊ — बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी राज्य में होने वाले उपचुनावों में अकेले लड़ेगी। उन्होंने महागठबंधन की कमियों पर खुलकर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि सपा का बेस वोट उनकी ही पार्टी को नहीं मिला। नतीजे बहुत कुछ सोचने को मजूबर करते हैं। गठबंधन को यादव वोट नहीं मिला। सपा के लोगों ने अच्छा मौका गंवा दिया। सपा में भीतरघात हुआ है। उनके मजबूत उम्मीदवार भी हारे हैं।
मायावती ने बैठक में कहा कि ‘समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश अपनी पत्नी डिंपल यादव की जीत तक सुनिश्चित नहीं कर सके।’ उन्होंने कहा, ‘जब से सपा-बसपा का गठबंधन हुआ है, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने मुझे बहुत सम्मान दिया है। मैं राष्ट्र के हित में हमारे सभी मतभेदों को भी भूल गई और उन्हें सम्मान दिया। हमारा संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं है, यह हमेशा के लिए जारी रहेगा।
हालांकि, हम राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। समाजवादी पार्टी के ‘यादव’ समुदाय के आधार वोट ने पार्टी का समर्थन नहीं किया। यहां तक कि सपा के मजबूत दावेदार भी हार गए जिसमे डिंपल यादव भी शामिल है।’
मायावती ने कहा, ‘यह एक स्थायी विराम नहीं है। यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्य में सफल होते हैं, तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे। लेकिन अगर वह सफल नहीं होते हैं, तो हमारे लिए अलग से काम करना अच्छा रहेगा। इसलिए हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है।’