न्यूज डेस्क — जेएनयू कैंपस में रविवार को हुई हिंसा के बाद अब सियासत शुरू हो गई है। रविवार को कैंपस में नकाबपोश छात्रों ने हमला कर दिया था। इसमें 18 छात्र घायल हो गए थे। इन छात्रों को आज एम्स से छुट्टी मिल गई है। छात्रों के वाम संगठन और एबीवीपी दोनों ही तरफ से एक-दूसरे पर हमले में शामिल होने का आरोप लगा रहे। गृह मंत्रालय ने पुलिस और मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है।
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जेएनयू में हिंसा उस डर को दिखाती है जो हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को छात्रों से लगती है। भाजपा नेता रमेश पोखरियाल निशंक ने छात्रों से परिसर में शांति रखने की अपील की। जेएनयू में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी और मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है कि क्या यह गृहमंत्री के मौन समर्थन के बिना हो सकता है?
उधर मायावती ने जेएनयू हिंसा के एक दिन बाद सोमवार की सुबह ट्वीट करते हुए कहा- जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति निंदनीय और शर्मनाक है। केंद्र सरकार को इस पूरे मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। घटना की न्यायिक जांच की जाए तो यह बेहतर रहेगा।
गौरतलब है कि छात्रावास की बढ़ी फीस को लेकर छात्र संघ के बैनर तले परिसर में शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था। इस दौरान छात्र संघ के दो गुटों में झड़प हुई। इसके बाद अचानक कुछ नकाबपोश लाठियां लेकर आए और हमला कर दिया। बीच-बचाव में कई प्रोफेसर भी घायल हो गए। प्रदर्शनकारी साबरमती टी प्वांइट से साबरमती सहित अन्य छात्रावास पहुंचे। नकाबपोश भी पीछा करते हुए आ गए और हमला बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने छात्रों की भी पिटाई की।