लखनऊ — उत्तर प्रदेश की राजनीति के बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता है. समय के साथ यहाँ राजनीति में भी बदलाव जारी है. यहाँ कभी विरोधी रहे नेता दल बदल कर आपस में दोस्त हो जाते है और कभी एक साथ रहे नेता एक दूसरे के धुर-विरोधी बन जाते हैं,
इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा और बसपा के ये बड़े दिग्गज ने नेता समाजवादी पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं. जिसके बाद से भाजपा और बसपा में हडकंप सा मच गया है.
बता दें कि यूपी के निकाय चुनाव में सपा को बुरी हार का सामना करना पड़ा है, इसके बाद से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव चुनाव में मिली हार की समीक्षा करने में लगे हुए हैं. चुनाव में या पहले कई नेता समाजवादी पार्टी छोड़ कर अन्य दलों में जा चुके हैं, लेकिन अब उत्तर प्रदेश की राजनीति का ये बड़े नेता सपा में शामिल होने जा रहे है.
दरअसल भाजपा और बसपा के कई सारे दिग्गज नेताओं ने आज सपा का दमन थाम लिया है, बता दें कि ताहिर हुसैन पूर्व विधायक बसपा, तहँसीम सिद्दीकी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, भीम प्रसाद निषाद भाजपा नेता, महेश बहादुर पूर्व भाजपा विधायक, नंद किशोर मिश्रा पूर्व विधायक, शम्भू चौधरी पूर्व विधायक, श्याम लाल रावत पूर्व मंत्री कांग्रेस ने सपा की सदस्यता ली है और इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव की पुत्रवधू ने सपा की सदस्यता ली.
इस दौरान भाजपा पर तंज कसते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश ने कहा,मैं तो बीजेपी को ऐसी पार्टी नहीं मानता था. मुख्यमंत्री नोएडा जाकर इसका सबूत भी दिए हैं. हालांकि इसके परिणाम बाद में दिखेंगे. लेकिन पुलिस अधिकारी का ज्वाइन न करना सवाल उठाता है.
अखिलेश ने कहा कि हमनें बहुत धोखे खाए हैं इसलिए बहुत समझदार हो गए हैं. उन्होंने कहा कि हम तो दोस्त नही बदलते हैं. अखिलेश यादव ने कहा कि गोरखपुर महोत्सव अच्छे से होना चाहिए, हमें कोई परेशानी नही है, सैफई महोत्सव से अच्छा होना चाहिए गोरखपुर महोत्सव, बाराबंकी में शराब से हुई मौतों का मामला गंभीर है, बीजेपी को आइना देखना चाहिए, कहीं बाराबंकी में बीजेपी का ही तो कोई नेता शराब नही पिला रहा है क्योंकि सरकार उनकी है.गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आज एक प्रेस वार्ता बुलाई थी.