सूरत– गुजरात के सूरत में उद्योगपतियों के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा। मनमोहन सिंह ने कहा कि, मोदी द्वारा दो महान नेताओं (नेहरू और पटेल) को आमने-सामने खड़ा करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है।
पत्रकारों ने जब मनमोहन सिंह से सवाल पूछा कि वह मोदी जी की तरह अपनी पृष्ठभूमि के बारे में बात क्यों नहीं करते हैं तो पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि, ‘मैं नहीं चाहता कि मेरी अभावग्रस्त पृष्ठभूमि के कारण देश मुझ पर तरस खाए। मैं प्रधानमंत्री मोदी जी के साथ इस तरह की किसी प्रतिस्पर्धा में पड़ना भी नहीं चाहता हूं।’ नोटबंदी पर बोलते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि हम उन 100 लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं जिन्होंने नोटबंदी के दौरान लाइन में खड़े-खड़े जान गंवा दी। 8 नवंबर भारतीय अर्थव्यवस्था का काला दिवस है। मैं जानता हूं कि पिछले एक वर्ष में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है लेकिन हम एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते उनका समाधान करने की हर संभव कोशिश करेंगे। मनमोहन सिंह ने कहा कि, नोटबंदी के चलते देश की अर्थव्यवस्था का 1.5 लाख करोड़ रुपए खर्च हो गया। वहीं पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर गिरकर 5.7% रह गई। इतना ही नहीं 2017-18 में ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी पर पहुंच गया। यह विकास दर यूपीए के 10 साल के औसत 10.6 फीसदी से काफी कम है। नोटबंदी के दौरान लोगों ने अपने काले धन को सफेद धन में बदल लिया। लेकिन गरीबों को परेशानी झेलनी पड़ी। भारतीय अर्थव्यवस्था के नीचे गिरने से चीन को फायदा पहुंचा है। 2016-17 के पहले छमाही में, चीन से भारत का आयात अप्रत्याशित रुप से बढ़ा है।