बाराबंकी — यूपी के बाराबंकी जिले में पौराणिक नाग देवता मन्दिर मंजीठा में सावन के पहले सोमवार से मेला शुरू हो गया हैं।
नाग देवता के इस प्राचीन मंदिर पर वैसे अक्सर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता हैं। लेकिन हर वर्ष सावन के महीने में लगने वाला ये मेला बेहद खास माना जाता हैं क्योंकि यहां नाग भक्तों के अलावा दूर दूर से सर्प भी पहुचते हैं नाम देवता मन्दिर।
पौराणिक इस नाग देवता मंजीठा मन्दिर में यूपी के अलग अलग जिलों से यहां श्रद्धालुओं का आना जाना होता हैं जिसके मद्देनजर पुलिस सुरक्षा व्यवस्था भी यहां चाक चौबंद होती हैं। लोगो की मान्यता हैं की यहां साँप का काटा हुआ भक्त का जहर उतर जाता हैं। साथ ही यहां की और भी मान्यताएं हैं की शरीर के चर्म रोग भी यहां नाग देवता के मंदिर में मिट्टी की मालियों में दूध और चावल मात्र चढ़ाने से ठीक हो जाते है।
इतना ही नही जिस घर मे साँप और जहरीले जीव जंतु निकलते हो तो इस मंदिर पर चढ़ाई गयी मिट्टी की छोटी छोटी मालिया घर में रहने से साँप और जहरीले जीव जंतु नही आते ये पौराणिक नाग देवता का मंदिर महात्मा बुद्ध के समय का हैं। जब उन्होंने खुद क्षेत्र के खूंखार सांप को दूध और चावल खिलाकर उसे शांत किया था और तभी से न सिर्फ वो नाग देवता लोगो की सहायता करते हैं बल्कि नाग देवता का पूरा वंश आज भी मन्दिर के नीचे बनी बम्बौर में रहती हैं।
सावन के महीने में यहां नाग भक्तों के अलावा दूर दराज से सर्प भी आते है।यहां गाँव और मन्दिर के आस पास अक्सर सांपो का दिखना आम बात हैं और यहां तो लोग सांप को मारते नही उनसे प्यार करते हैं और उनकी पूजा करते हैं।
(रिपोर्ट – सतीश कश्यप, बाराबंकी)