मणिपुर में हिंसा (Manipur violence) के बीच दो आदिवासी महिलाओं के सामूहिक दुष्कर्म और भीड़ द्वारा नग्न अवस्था में घुमाने के वीडियो के वायरल होने के बाद देश भर लोगों का आक्रोश भड़क उठा है। वहीं इस घटना को लेकर सियासत भी चरम पर है। एक तरफ जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना को शर्मनाक बताते हुए दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। वहीं विपक्ष इस मुद्दे पर भाजपा सरकार का घेराव कर रहा है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मुद्दे को लेकर भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा है। उन्होंने मणिपुर की इस शर्मसार कर देने वाली घटना के बीजेपी की वोट की राजनीति और आरएसएस की नफरत को जिम्मेदार ठहराया है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा कि मणिपुर के हालात के लिए आरएसएस की नफरत की नीति और बीजेपी की वोट की राजनीति जिम्मेदार है। बहन-बेटियों के परिजन भाजपा की ओर देखने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे। मणिपुर में सभ्यता छिन्न-भिन्न हो गई है और संस्कृति गर्त में चली गई है।
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वहीं बीएसपी सुप्रीमो और यूपी की पूर्व सीएम मायवाती ने ट्वीट करते हुए इस घटना की निंदा की और बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा, मणिपुर में अनवरत जारी हिंसा व तनाव से पूरा देश चिन्तित है तथा महिला के साथ अभद्रता की ताजा घटना खासकर भाजपा व उनकी सरकार को शर्मसार करने वाली है। वैसे तो राज्य में कानून-व्यवस्था काफी पहले से चरमराई हुई है, किन्तु क्या बीजेपी अभी भी ऐसे मुख्यमंत्री को संरक्षण देती रहेगी?
इसके अलावा सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने सवाल उठाते हुए कहा कि मणिपुर में कुकी आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनके साथ जो अमानवीय और बर्बर व्यवहार किया गया, वह बेहद शर्मनाक, दर्दनाक और निंदनीय है। क्या यही रामराज्य का नंगा सच है?
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