मैनपुरी लोकसभा सीट पर पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए डिंपल यादव ने सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया। डिंपल के साथ उनके पति और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी मौजूद थे। दोनों ने पहले मुलायम सिंह यादव की समाधि पर श्रद्धांजलि दी और फिर नामांकन दाखिल किया। डिंपल कन्नौज से दो बार सांसद चुनी जा चुकी हैं, जबकि दो चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ चुका है।
2019 लोकसभा चुनाव के दौरान डिंपल ने कन्नौज से चुनाव लड़ा था, तब उन्हें भाजपा के सुब्रत पाठक ने हराया था। सोमवार को दाखिल किए गए चुनावी हलफनामे में डिंपल ने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। इसके मुताबिक उनके पास लखनऊ और सैफई में जमीन है। पिछले साढ़े दस महीने में उनकी संपत्ति घटी है। आइए जानते हैं कि डिंपल ने हलफनामे में क्या-क्या बताया है?
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पहली बार घटी डिंपल की संपत्ति
2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपनी कुल संपत्ति 40 करोड़ 14 लाख से ज्यादा बताई थी। साढ़े दस महीने बाद ये घटकर 39 करोड़ 91 लाख 50 हजार 416 रुपये हो गई है। 2004 से अब तक अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने जितनी बार चुनावी हलफनामा दायर किया हर बार उनकी संपत्ति में इजाफा हुआ। पहली बार ऐसा हो रहा है जब डिंपल-अखिलेश की संपत्ति में कमी आई है। इस हलफनामे के मुताबिक डिंपल के पास सवा लाख का कंप्यूटर, करीब साठ साल के गहने तो हैं लेकिन कार या बाइक नहीं है। इसी तरह अखिलेश के नाम पर 76 हजार का फोन करीब साढ़े पांच लाख की व्यायाम मशीन है लेकिन उनके नाम पर भी कोई गाड़ी नहीं है।
लखनऊ-सैफई में जमीनों के साथ लाखों के गहने
डिंपल के पास करीब 60 लाख रुपये के गहने हैं। इसमें सोने, चांदी, हीरे और मोती के आभूषण शामिल हैं। इसके अलावा लखनऊ और सैफई में डिंपल के नाम जमीनें भी हैं। डिंपल ने 1993 में आर्मी पब्लिक स्कूल, लखनऊ से हाईस्कूल की पढ़ाई की है। इसके बाद 1995 में इंटरमीडिएट और 1998 में बीकॉम की डिग्री ली। 2012 और फिर 2014 में दो बार डिंपल कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद चुनी जा चुकी हैं।
डिंपल पर अखिलेश का लाखों का उधार
अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल को 20 लाख का उधार दे रखा है। वहीं, पिता मुलायम सिंह यादव को दो करोड़ 13 लाख से ज्यादा का उधार दे रखा था। इसी तरह डिंपल ने भी गोविंद बल्लभ चतुर्वेदी और राम चतुर्वेदी नाम के दो लोगों का उधार दे रखा है।
2009 से 2012 के बीच बढ़ी थी संपत्ति
डिंपल यादव ने 2009 में पहली बार चुनाव लड़ा था। फिरोजाबाद सीट से उन्होंने उपचुनाव में कांग्रेस के राजबब्बर का मुकाबला किया था। हालांकि, इस चुनाव में वह हार गईं थीं। तब उनके पास करीब चार करोड़ रुपये की संपत्ति थी। इसके बाद 2012 में डिंपल ने दूसरी बार लोकसभा का चुनाव कन्नौज से लड़ा। कन्नौज की सीट से पहले अखिलेश यादव सांसद थे, लेकिन 2012 में मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। तब हुए उपचुनाव में डिंपल यादव निर्विरोध जीत गईं थीं। उस वक्त डिंपल के पास नौ करोड़ तीन लाख रुपये की संपत्ति थी।
दो साल में बढ़ गई थी 19 करोड़ संपत्ति
2014 के लोकसभा चुनाव में डिंपल यादव ने 28 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बताई थी। महज दो साल में उनकी संपत्ति में 19 करोड़ से ज्यादा का इजाफा हुआ। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भी डिंपल ने अपने चुनावी हलफनामे में संपत्ति की जानकारी दी है। इस दौरान उनकी संपत्ति में करीब नौ करोड़ रुपये का इजाफा हुआ था। और यह बढ़कर 37 करोड़ 78 लाख पहुंच गई।
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