गुरुवार आज यानी 11 मार्च 2021 को देश भर में महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. शिवालयों में रात 12 बजे ही भक्तों का तांता लगा हुआ है.
जबकि बोल बम के जयकारों से गूंज रहे है. हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष महाशिवरात्रि पर विशेष योग बन रहा है. इस दिन शिव योग के साथ सिद्ध योग भी बन रहा है.
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ऐसी मान्यता है कि इस दिन जलाभिषेक करने से शिव भक्तों पर शिव भगवान की कृपा बरसेगी. उनकी कृपा से शिव भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
11 मार्च को 2.40 बजे त्रयोदशी समाप्त होगी
इस बार महाशिवरात्रि पर त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथियां पड़ रही हैं. इस लिए जलाभिषेक का महत्त्व और भी बढ़ गया है. हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि पर्व पर त्रयोदशी व चतुर्दशी में जलाभिषेक का विधान बताया गया है.
त्रयोदशी तिथि 10 मार्च को दोपहर बाद 2.40 मिनट से शुरू हो रही है और यह 11 मार्च को 2.40 बजे त्रयोदशी समाप्त होगी उसके बाद तुरंत बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी.
भगवान शिव की पूजा में दूध का विशेष महत्त्व
महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव की पूजा में दूध का विशेष महत्त्व है. दूध में गाय के दूध का विशेष महत्व है. क्योंकि गाय का दूध सबसे अधिक पवित्र और उत्तम माना गया है. ऐसी मान्यता है कि जल में थोड़ा सा दूध मिलाकर स्नान करने से मानसिक तनाव दूर होता है और चिताएं कम होती हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जल में थोड़ा दूध मिलाकर जलाभिषेक करने से या शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. शिव भक्तों पर भगवान शिव की कृपा बरसती है.
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