महाशिवरात्री विशेषःबसंत पंचमी को था भगवान शिव का तिलकोत्‍सव,इस दिन हुआ विवाह

वाराणसी — हाड़ कंपा देने वाली झन्‍नाटेदार सर्दियों के बाद आखिरकार फाल्‍गुन का गुनगुना महीना आ गया है। इसी के साथ शिव नगरी काशी अपने सबसे बड़े उत्‍सवों में से एक ‘महाशिवरात्रि’ की तैयारियों में जुट गयी है।

 

दरअसल फाल्‍गुन महीने के कृष्‍णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। वहीं महाशिवरात्रि का पर्व वाराणसी में काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। लाखों की तादात में देश-विदेश के सैलानी बनारस पहुंचते हैं। 12 ज्‍योर्तिलिंगों में से एक वाराणसी के काशी विश्‍वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए भक्‍तों का अटूट रेला जुटता है। वहीं देर रात भूत-प्रेत निशाचरों के प्रतिरूपों के साथ निकलने वाली शिव बारात इस पर्व का मुख्‍य आकर्षण होती है।

बता दें कि महाशिवरात्रि का पर्व इस बार 14 फरवरी को है। काशी विश्‍वनाथ मंदिर की ओर से इसकी तैयारी भगवान शिव के तिलकोत्‍सव (बसंत पंचमी) से ही शुरू हो चुकी है। अब फाल्‍गुन माह शुरू होते ही जिले का प्रशासनिक अमला भी इस महा उत्‍सव को सकुशल सम्‍पन्‍न कराने में जुट गया है।

(रिपोर्ट-बृजेन्द्र बी यादव)

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