लखनऊ — गोमती नगर स्थित पिकप भवन में हुए अग्निकाण्ड की जांच रिपोर्ट पर शासन में मंथन शुरू हो गया है। इसी आधार पर माना जा रहा है कि कई बड़े अफसरों व कर्मचारियों पर जल्द ही गाज गिर सकती है।
दरअसल रविवार को कुछ कर्मचारी कार्यालय में बुलाये गये थे। दोपहर में पुलिस अधिकारी ही जांच करते रहे। अब सोमवार को कार्यालय खुलेंगे तो सभी लोग मौजूद रहेंगे। हालांकि अधिकतर कर्मचारी एक दूसरे से इस समय जांच रिपोर्ट पर ही बात कर रहे हैं। इनके बीच डर समाया हुआ है कि कार्रवाई के दायरे में कौन-कौन आयेगा।
सूत्रों की माने तो रिपोर्ट के आधार पर ही शासन भी यह मान रहा है कि बिना किसी मिलीभगत के इस तरह से आग लगना सम्भव नहीं है। वहीं पुलिस भी सोमवार को कई कर्मचारियों से बयान लेने पहुंची। इन लोगों से ही यह पता किया जायेगा कि घटना के दिन क्या हलचल रही थी। कौन कर्मचारी डयूटी पर थे। हादसे के बाद लोगों की क्या प्रतिक्रिया रही थी।
गौरतबल है कि पिकप भवन के फाइनेंस और लेखा विभाग में आग न तो शार्ट-सर्किट से लगी और न ही साजिश करने वालों ने पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल किया। सुनियोजित साजिश के तहत रद्दी वाले कागज से पहले फाइलों में आग लगाई गई, फिर फर्नीचर में। इस हादसे की तीन पेज की जांच रिपोर्ट में ऐसा ही खुलासा किया गया है। इससे साफ है कि किस तरह से यह हादसा साजिश लग रहा है।
एडीजी इंटेलीजेंस की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पिकप भवन सरकारी संस्था है और आद्योगिक विकास के लिये उद्योगपतियों, कम्पनियों और अन्य संस्थाओं को ऋण देती है। ऋण लेने वाली कई कम्पनियों ने पिकप का ऋण नहीं अदा किया था। कम्पनियों का ऑडिट कराया जाना था।
पहले फाइलों में आग लगाई फिर फर्नीचर में
रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस को सीसी कैमरे की रिकार्डिंग देखनी चाहिये। यह एक अहम दस्तावेज होगा। हालांकि इस बात की भी सम्भावना व्यक्त की गई है कि साजिश रचने वालों ने कैमरे को पहले ही बंद कर दिया होगा। अगर ऐसा हुआ होगा तो यह भी अपने आप में एक सुबूत है कि यह हादसा साजिश के तहत हुआ।
72 घंटे में आएगी फोरेंसिक रिपोर्ट
अधिकारियों ने बताया कि अहमदाबाद की फोरेंसिक साइंस लैब के सतीश चंद्र खंडेलवाल के नेतृत्व में सीडी बापोदरा और एके शर्मा की तीन सदस्यीय टीम आई थी। तीनों ने बारीकि से निरीक्षण करते हुए जांच के लिए नमूने लिए हैं। वह लोग तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे। इसी से साबित होगा कि पिकप भवन में हुआ अग्निकाण्ड महज एक हादसा था या इसके पीछे साजिश है।