लखनऊ — राजधानी पुलिस की लापरवाही और सुस्त कार्यशैली एक परिवार पर दिन-ब-दिन भारी पड़ रही है। स्थिति यह है कि परिवार के सदस्य अपनी भूख प्यास तक भूल गए हैं लेकिन पुलिस के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
दरअसल मामला राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज थाना क्षेत्र स्थित सरसवां गांव का है। जहां निवासी किजय सिंह चौहान बीते 26 दिसम्बर की शाम को घर से अपनी स्कार्पियो कार लेकर किसी काम से निकला था। जिसके बाद से वह लापता है। जबकि परिजनों ने 27 दिसम्बर को गोसाईगंज थाने में तहरीर देकर पुलिस से सहायता की गुहार लगाई थी।
हालांकि पुलिस ने गुमशुदा युवक किजय की कॉल डिटेल के आधार पर मामले की जाँच शुरू की। लेकिन घटना के 7 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है। पुलिस न तो अब तक गुमशुदा युवक की कार बरामद कर सकी है और न ही उसके हाथ किजय तक पहुंचाने वाले कोई पुख्ता सुबूत ही लगे हैं।
जबकि पीड़ित पिता केसर सिंह का आरोप है कि पुलिस बेटे को ढूंढने में सहयोग नहीं कर रही है। उनका कहना है कि यदि यही मामला हाईप्रोफाइल होता तो शायद अब तक जाँच का निष्कर्ष निकल चुका होता। उन्होंन बताया कि इस मामले को लेकर स्थानीय चौकी इंचार्ज से लेकर पुलिस के आलाधिकारियों तक से गुहार लगाई जा चुकी है। लेकिन हर जगह से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं।
इसे मामले में थानाध्यक्ष गोसाईगंज अजय प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि किजय की अंतिम लोकेशन अमरोहा के आसपास मिल रही थी। लेकिन सही लोकेशन पता नहीं लग रही है। उनका कहना है कि प्राथमिक जाँच के दौरान मामला कर्ज में दबे होने के कारण घर छोड़कर जाने का प्रतीत हो रहा है। किजय की कॉल डिटेल में सामने आए कुछ नम्बरों से पता चल रहा है कि उसकी कार को गोसाईगंज स्थित इंद्रा नहर में डाल दिया गया था। जिसके बाद परिजनों से उसका सम्पर्क टूट गया। हालाँकि अभी तक पुलिस के हाथ कोई ठोस सुबूत नहीं लगे सके हैं और न ही वह कथित तौर पर नहर में गिरी कार को बरामद कर सकी है।
वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि किजय का नम्बर सर्विलांस पर लगा हुआ है पर लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही है। नहर में भी स्थानीय मछुआरों को लगाकर गाड़ी ढूंढने का प्रयास किया गया है। पानी काफी ठंडा होने के कारण पता नहीं लग सका है। नहर विभाग से पानी बन्द करने के लिए बातचीत की जा रही है। जल्दी ही पता लग सकेगा।
(रिपोर्ट-सुजीत शर्मा,लखनऊ)