उत्तर प्रदेश पुलिस अपने कार्यशैली के लिए जानी जाती है। हालांकि कुछ पुलिसकर्मी महकमें में रहकर भी खाकी की छवि को धूमिल करते है तो वहीं कुछ पुलिसकर्मी (दरोगा) रात दिन एक कर इमानदारी के साथ खाकी की आन-बान-शान के रूतबे और आम लोगों के बीच भी धूमिल होती छवि को बेहतर बनाए रखने की कोशिश करते है।
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ऐसा ही कुछ राजधानी लखनऊ से सामने आया है। जहां एक दरोगा ने शराब व्यापारी की 2 करोड़ की पोशकश को भी ठुकराकर उसे गिरफ्तार किया और खाकी के प्रती इपनी वफदारी को निभाकर महकमे के लिए एक मिसाल पेश की है।
2 करोड़ की पेशकश को दिखाई पीठ
राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमे खाकी के वफादारी को उजागर कर दिया है। दरअसल, हजरतगंज में तैनात दरोगा चंदप्रकाश यादव ने एक शराब व्यापारी को 7.5 करोड़ की शराब जखीरे के साथ गिरफ्तार किया था।जिसके बाद शराब व्यारपारी ने दरोगा को 2 करोड़ की पेशकश की।
लेकिन दरोगा ने रूपये के आगे अपने फर्ज को जरूरी समझा और खाकी के प्रति अपनी वफादारी और इमानदारी को समझते हुए उसे हिरासत में लिया। जिसके बाद जिले के साथ साथ पूरे पूलिस महकमे में दरोगा की इमानदारी की मिसालें दी जा रही है। साथ ही दरोगा की काफी सराहना भी की जा रही है।
दो करोड़ कम नहीं, पर जमीर के आगे कुछ नहीं
गौरतलब है कि खाकी के पीछे अपनी इस वफादारी के पीछे दरोगा की यह सोच है कि वह भले ही रूखा सूखा खाएंगे लेकिन अपना जमीर नहीं बेचेंगे। दरोगा का मानना है कि दो करोड़ कम नहीं होते पर जमीर और खाकी के आगे कुछ नहीं।
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