लखनऊ — पीजीआई कोतवाली क्षेत्र के कल्ली पश्चिम में दबंग शंकर लाल यादव व उसके गुर्गों ने अपनी जमीन पर भंडारा कर रहे महंत व उनके सहयोगियों को जमकर पीटा,और भंडारे व अन्य सामान के लिए रखे 50 हजार रुपये भी छीन लिए।
वहीं सूचना पर पहुंचे चौकी प्रभारी से भी दबंग भिड़ गए, जब कोतवाली से अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा तब दबंग मौके से भागे।पुलिस एक आरोपी को पकड़ने में सफल रही बाकी मौके से भाग निकले, पुलिस ने तीनों घायलों को मेडिकल के लिए भेजा, व महंत धर्मेंद्र दास की नामजद तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
दरअसल मठ के महन्त होने का दावा करते हुये उसपर की बाउन्ड्री का निर्माण करा रहे थे। जिस पर दूसरी तरफ दबंग सपा नेता व ब्लाक प्रमुख पति द्वारा दिवार गिराकर कब्जा कराने को लेकर सपा नेता द्वारा महन्त पर जानलेवा हमले करने की शिकायत पर पुलिस ने भूमि पर सपा नेता के विरूद्ध मारपीट सहित भूमि पर कब्जा को लेकर मामला दर्ज कर लिया।
बता दें कि पीजीआई थाना क्षेत्र के कल्ली पश्चिम गाँव में करोड़ों रूपये की कीमत की जमीन है,। जिस पर महन्त धर्मेन्द्र दास चेला महन्त परमेश्वर दास पुरानी सब्जी मण्डी चौक का नाम दर्ज है। जिसे पूर्व सपा नेता व वर्तमान में भाजपा नेता ब्लाक प्रमुख सरोजनी नगर के पति शंकर यादव द्वारा जबरन कब्जा करने की नीयत से महंत से मारपीट की । बताते चले कि इससे पहले बीते शनिवार को भी शंकर यादव ने जमीन पर आठ फिट उठी दीवार गिरा दी थी, जिसमें मुकदमा दर्ज किया गया था पर कोई कार्रवाई नही हुई। उसी प्रकरण में सोमवार को शंकर यादव अपने गुर्गों के साथ आये और कब्जा करने की नीयत से वहाँ मौजूद महंत के सहयोगियों को मारा पीटा।
जबकि आरोपी शंकर यादव को सपा नेता के साथ-साथ खनन माफिया भी बताया जा रहा है। इसने मठ के बाबाओं पर पहले भी जानलेवा हमला किया है। जिसमें एफआईआर नामजद हो चुकी है। इसके बाद भी दबंगों के हौसले बुलंद है और अपने ऊपर कार्रवाई से बचने के लिए भाजपा में शामिल हो गया है।
महंत धर्मेंद्र दास ने, तहरीर में शंकर यादव, कमल यादव ,अविनाश,अमित सिंह,होशराम यादव,सूबे चन्द्र,मान सिंह यादव,को नामजद किया है। वहीं पुलिस ने मारपीट में घायल गोविंद दास,राजाराम, दुर्गेश सिंह,व सचिन को मेडिकल कराया,और मुकदमा दर्ज किया है। जबकि शंकर यादव के कारनामों से परेशान लोगों का कहना है कि शंकर यादव पर स्थानीय पुलिस मेहरबान है,जिसके वजह से एक भूमाफिया, खनन माफिया, सरकारी जमीन रिटायर सैनिकों को बेचकर पैसे हड़पने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका परिणाम,पीजीआई पुलिस की सक्रिय कार्यवाही न होने से ऐसी पुनरावृत्ति हुई है।
(रिपोर्ट-अंशुमान दुबे,लखनऊ)