लखनऊ –राजधानी लखनऊ के रतन स्क्वायर स्थित पासपोर्ट ऑफिस में हिन्दू-मुस्लिम दंपति तन्वी सेठ और उनके पति अनस सिद्दीकी से हुई बदसलूकी के मामले में कार्रवाई करते हुए रीजन पासपोर्ट अधिकारी ने आरोपी विकास मिश्रा का ट्रांसफर कर दिया, साथ ही घटना पर उनसे जवाब तलब किया गया है।
वहीं काफी फजीहत के बाद आखिरकार हिन्दू-मुस्लिम दंपति को गुरुवार को पासपोर्ट जारी कर दिए गए। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने कहा कि दंपती को पासपोर्ट जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने घटना पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि आरोपी अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जांच करके आगे की कार्रवाई भी की जाएगी।
दरअसल मोहम्मद अनस और उनकी पत्नी तनवी सेठ का आरोप है कि वे पासपोर्ट का नवीनीकरण कराने के लिए पासपोर्ट कार्यालय गए थे। दंपती का आरोप है कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने अनस से कहा कि वह हिन्दू धर्म अपना लें। साथ ही उन्होंने तनवी से सभी दस्तावेजों में अपना नाम बदलने का निर्देश दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब दोनों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो अधिकारी उन पर चिल्लाने लगा। घटना के बाद दंपती घर लौट आए और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीट कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
बता दें कि अनस और तनवी ने 2007 में शादी की थी। उनकी 6 साल की एक बेटी भी है और दोनों नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करते हैं। अनस ने बताया कि तनवी और उन्होंने 19 जून को पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और लखनऊ में पासपोर्ट सेवा केंद्र में उन्हें बुधवार को बुलाया गया था। अनस ने दावा किया कि विकास मिश्रा ने उन्हें बुलाया और उनका अपमान करना शुरू कर दिया। उनसे कहा कि वह हिन्दू धर्म अपना लें वरना विवाह स्वीकार नहीं किया जाएगा।
फिलहाल तन्वी सेठ और अनस सिद्दीकी को उनके पासपोर्ट दे दिए गए हैं। आरोपी अधिकारी विकास मिश्रा का ट्रांसफर करने के साथ घटना पर जवाब मांगा गया है। ऐसा दोबारा न हो इसलिए सभी पासपोर्ट अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दे दिए गए हैं।