लखनऊ — दिल्ली-एनसीआर में जहरीली धुंध और वायु प्रदूषण का कहर लगातार जारी है. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में भी इसका असर देखने को मिल रह है.यूपी के दर्जनों जिलो में जहरीले धुंध को देखते हुए परिवहन विभाग ने एनसीआर समेत 8 जिलो में लगभग 4 लाख डीजल और पेट्रोल वाहनों को सीज करने का आदेश जारी कर दिया है.जिनमें 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल के 4 पहिया वाहन शामिल हैं. प्रमुख सचिव परिवहन ने सभी आरटीओ और एआरटीओ को आदेश जारी कर यह निर्देश दिए हैं.
दरअसल राजधानी दिल्ली सहित लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण ने लोगों के जीवन को संकट में डाल दिया है. प्रदूषण इस कदर बढ़ा है कि राजधानी लखनऊ और एनसीआर के 8 जिलों व दर्जनों शहर में बीते तीन दिनों से धुंध छाई हुई है. जिसकी वजह से हाईवे पर दुर्घटनाओं का आंकड़ा भी बढ़ता ही जा रहा है.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के सख्त आदेश के बाद योगी सरकार भी एक्शन में आ गई है.
परिवहन विभाग ने एनसीआर के 8 जिलों- गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर, शामली, बागपत, हापुड़ में चल रहे 10 साल से पुराने 97043 डीजल वाहन और 15 साल से पुराने 3 लाख 74 हजार 775 पेट्रोल वाहनों को सीज करने का आदेश जारी कर दिया है.वही इस आदेश के बाद से वाहन मालिकों में हडकंप मचा हुआ है. इसके अलावा खनन व सड़क निर्माण,भवन निर्माण सामग्री के परिवहन पर और वायू उत्सर्जन करने वाली फैक्ट्रियों को भी बंद करने का आदेश दिया गया है.जबकि सड़कों पर यमित सफाई व जल छिड़काव का है आदेश दिया गया.
वही उत्तर प्रदेश परिवाहन की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने कहा कि एनजीटी के आदेश के बाद सख्त कार्रवाई की जा रही है. जहां सभी 10-15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों को सीज करने का आदेश दिया गया है. वहीं सभी हाट मिक्स प्लांटों को बंद करने का आदेश दिया गया है