लखनऊ — उत्तर प्रदेश में सरकारी हॉस्पिटल लगातार किन्ही न किन्ही गलत कारणों से हमेशा सुर्खियों में बने ही रहते हैं । एक तरफ जहाँ सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का दावा हर जगह कर रही है वहीं इसके उलट लगभग हर रोज़ एक दर्दनाक तस्वीर सरकार के दावों की पोल खोल देती है ।ताज़ा मामला एलडीए कानपुर रोड स्थित लोकबंधु अस्तपताल का है जहाँ इलाज़ में लापरवाही के चलते एक मासूम के पैर काटने की नौबत आ गयी है ।
पीड़ित के पिता संतोष सोनकर के अनुसार वो पेशे से ऑटो चालक है और बीती चौदह जुलाई को उनके चौदह वर्षीय पुत्र हर्षित सोनकर एक सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था जिसमें कि उसके दाहिने पैर में गंभीर चोट आई थी और इलाज़ के लिए उसे लोकबंधु अस्तपताल में भर्ती किया गया था । जहाँ डॉक्टरों की लापरवाही से उसका पैर सड़ गया और अब डॉक्टर उसको कहीं और दिखाने को कह रहे हैं । पीड़ित ने बताया कि वो बेहद गरीब है और उसकी पत्नी के देहांत के बाद से ही वो और उसका बड़ा बेटा मिलकर अपने छोटे बेटे व एक बारह वर्षीय बेटी का पालन पोषण करते हैं ।
अपने छोटे बेटे के इलाज और देखभाल के कारण वो ऑटो भी नहीं चला पाया ऐसे में अपने बेटे को किसी बड़े अस्तपताल में दिखाने का न तो उसमें सामर्थ्य है न ही कोई उसका मददगार कि वो अपने बेटे को अच्छा इलाज़ दे सके ।उसने कहा यदि डॉक्टर और अस्तपताल प्रशासन उसके बेटे के साथ लापरवाही न बरतते तो पैर काटने की नौबत न आती ।
रिपोर्ट- अंशुमान दुबे,लखनऊ