फर्रुखाबाद — एक ओर सरकार सुदूर ग्रामीण इलाकों तक विकास की रोशनी पहुंचा देने को लेकर बड़े-बड़े दावे करती तो करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है ।
दरअसल हम बात कर रहे हैं फर्रुखाबाद जिले के विकास खण्ड बढ़पुर की ग्राम सभा धन्सुआ की । जो मुख्यालय से लगभग 2 किलोमीटर दूर है इस गांव की आबादी लगभग 8 हजार है। गांव के बाशिंदे खेती या मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। गांवों में सपा सरकार द्वारा दी गयी लोहिया ग्रामीण आवास योजना में मानक की दीवार टूट गई है। मनचाहे तरीके से आवास वितरित किया गया । यह लोहिया ग्रामीण आवास योजना में बना आवास चार साल में ही धराशाही हो गया ।
तालाब पर करा दिया निर्माण…
बता दें कि यह योजना उनके लिए है जो झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं अथवा उनके पास पक्का मकान नहीं है। इसमें चयनित लाभार्थी को आवास के लिए दो समान किस्तों में 2.75 लाख आवास निर्माण को दिया जाता है। प्रधान ने मानकों को ताक पर रख कर तालाब पर आवास का निर्माण करा दिया । पहली बरसात में ही आवास की दीवारे चटक गयी ।जिसमे रहने वाले को जान का खतरा हो गया । लाभार्थी चमेली देवी द्वारा शिकायत करने पर लेखपाल ने चमेली देवी और उनके परिवार को प्रथमिक स्कूल धन्सुआ में रहने को भेज दिया कर आवास के नाम पर कोई भी कार्यवाही नहीं की ।चमेली देवी को स्कूल में रहते एक साल हो गया ।
सड़के खस्ताहाल..
वहीं इस गांव को जोड़ने वाली सभी सड़के ज्यादातर खराब है। और हर वित्तीय वर्ष में लाखो रुपए सड़को पर खर्च किया जाता है। लेकिन अभी कुछ माह पहले ही बेवर रोड पावर हॉउस से लेकर धन्सुआ तक सड़क का निर्माण कराया गया। अब उसका हाल बो है। कि गढ्ढे में सड़क है या सड़क में गढ्ढा यही हाल पूरे गांव का है। सड़क तो ठेकेदारो के माध्यम से बनाई जाती है।
लेकिन जो नालियो में पानी बहता और सड़को पर भर जाता रोड टूट जाती क्योकि सड़क बनाने का जो मानक होता है। वह कमीशन की भेट चढ़ जाता है।जितने भी रोड बनाए गए उनके किनारे किसी भी प्रकार का नाला नाली नही बनाई जा रही है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में तो बहुत बुरा हाल है।
(रिपोर्ट-दिलीप कटियार,फर्रुखाबाद)