महाराष्ट्र के अंदर शुक्रवार को 16 मजदूरों (Workers) की मालगाड़ी की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। लेकिन हापुड़ के अंदर भी अपनी मौत की परवाह किए बिना ही 1 दर्जन से अधिक परिवार रेलवे ट्रैक (railway)पर चलने के लिए मजबूर हैं। हरियाणा से लेकर हापुड़ तक यह सारा परिवार (Workers) रेलवे ट्रैक के सारे ही हापुड़ स्टेशन से थोड़ी दूर पहले ही पटरियो की साइड में बैठकर आराम करने लगा।
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दिल्ली से पैदल हापुड़ पहुंचे मजदूर..
ये जो आप तस्वीरें देख रहे हैं। यह दिल्ली से करीब 65 किलोमीटर दूर जनपद हापुड़ की है जो कि 1 दर्जन से अधिक परिवार हरियाणा से उत्तराखंड के रुद्रपुर जाना है। लेकिन परिवार के पास खाने के लिए ना तो पैसे हैं और ना ही खाने के लिए। लेकिन 4 दिनों से यह परिवार लगातार पैदल ही चल रहा है हरियाणा से हापुड तक का सफर इस परिवार ने 4 दिनों में पूरा किया है।
2 दिनों से पेट में नहीं गया निवाला…
इन परिवार वालों ने ना तो 2 दिनों से कुछ खाया है ना ही खाने को मिला है और बिस्किट और पानी से ही अपना पेट भर रहे हैं। जब इन परिवार वालों से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि हरियाणा के अंदर हम मजदूरी किया करते हैं लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है हमारी सारी जमा पूंजी खत्म हो गई है और अब हम अपने गांव जा रहें हैं।
जहां आज महाराष्ट्र के अंदर देर रात रेलवे पटरी के पास करीब 17 मजदूर (Workers) आराम कर रहे थे लेकिन उनको यह पता नहीं था। कि जिंदगी से अपना हाथ धो बैठेंगे। लेकिन ऐसे ही उत्तराखंड के रुद्रपुर का रहने वाला परिवार भी जो हरियाणा में काम करता है लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है उसका काम बिल्कुल बंद हो गया है और खाने की भी लाले पड़ रहे हैं। बस अब अपने घर जाना है।पैदल चल चल कर पैरों में भी छाले पड़ रहे हैं। लेकिन वह हिम्मत के साथ अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ रेलवे ट्रैक के सारे पैदल ही चलकर हापुड़ पहुंचा।
(रिपोर्ट- विकास कुमार, हापुड़)