बलरामपुरः वैश्विक आपदा कोविड-19 के चलते पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना के संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए लाॅक डाउन किया गया। लाॅकडाउन के चलते आम जन मानस त्रस्त है। ऐसे में बेजुबान जानवरों की दशा और भी दयनीय है। छुट्टा जानवरों (animals) को इस समय भोजन की सबसे बड़ी समस्या हो रही है।
ये भी पढ़ें..कोरोना महामारी के खिलाफ मैदान में उतरी सोनभद्र की 6 बेटियां
इंसानों को तो कई स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा भोजन व राहत सामग्री मुहैया करवाया जा रहा है, लेकिन इन बेजुबानों की सुधि लेने वाला कोई नहीं था। ऐसे में रवीन्द्र कमलापुरी ने बेसहारा जानवरों (animals) के लिए एक कदम आगे बढ़ाया है। रविन्द्र गुप्ता अपने सहयोगियो के साथ प्रतिदिन छुट्टा जानवरों को सब्जी, फल, हरा चारा व अन्य खाद्य सामग्री मुहैया करवा रहे है।
एक घटना ने बदली जिंदगी
रवीन्द्र कमलापुरी ने बताया कि एक दिन वह काम से घर लौट रहे थे। इतने
में सूचना मिली की भगवतीगंज के पास एक गाय घायल पड़ी है। सूचना मिलते ही मैं अपने सहयोगियों के साथ मौके पर पहुंच। गाय की मरहम पट्टी करवाने के बाद उसे फल खिलाया गया। उसी दिन से इन बेजुबान जानवरों (animals) की ओर मेरा ध्यान गया और अब प्रतिदिन इन बेजुबानों को भोजन करवाने के बाद ही मैं भोजन करता हूं।
निःस्वर्थ पशुओं की सेवा
रवीन्द्र गुप्ता ने कहा कि पहले दिन तो मैं और मेरे सहयोगी इरफान ने
पशुओं के भोजन की व्यवस्था की थी। लेकिन इस नेक कार्य में अब जिले के कई गणमान्य नागरिकों के सहयोग से नगर क्षेत्र के लगभग सभी बेसहारा पशुओं के भोजन की व्यवस्था हो जाती है। उन्होने बताया कि इस कार्य में नगर कोतवाल रामाश्रय राय, अधिवक्ता संजय तिवारी, मनीष शुक्ला, तुलशीस दूबे, वैदेही सिंह का सहयेाग मिल रहा है। इन सभी के सहयोग से प्रतिदिन डेढ़ कुन्तल खीरा, 50 किलो टमाटर, भिंडी, मूली, साग, लौकी व कुत्तों के लिए ब्रेड,बिस्कुट लिया जाता है।
ये भी पढ़ें..एटा: 5 मर्डर केस में बड़ा खुलासा, बहू ही निकली कातिल
(रिपोर्ट- सुजीत कुमार, बलरामपुर)