प्रतापगढ़ः कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली काली कमाई का जरिया बनी हुई है। कोटेदार ( Kotedar) गांव से लेकर शहर तक लाभ कमाने में जुटे है। कम राशन और घटतौली इनकी नीयत में समाई हुई है। फिर भी आलाधिकारी मौन है जबकि मुख्यमंत्री के आदेशो की जिले में लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही है।
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दरअसल यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीबों मजदूरों की बदहाली को देखते हुए सभी को सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन देने का आदेश दिया लेकिन जिले में मुख्यमंत्री के इस आदेश का कोई असर नही दिख रहा है। अंत्योदय कार्ड धारकों को 35 किलो मिलने वाला राशन अब महज 5 किलो दिया जा रहा है तो वही जिन कार्ड धारकों का अंगूठा स्कैन नही हो पा रहा है उन्हें कोटेदार ( Kotedar) बैरंग वापस कर दे रहे है।
सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हो रहा पालन
ये नजारा है शहर के चिलबिला स्थित सस्ते गल्ले की दुकान का जहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है न ही हाथ धुलने के पानी और साबुन या सेनेटाइजर की व्यवस्था। हालांकि जब कोटेदार ने समझा कि मीडिया के लोग है तो पीछे रखी सेनेटाइजर की सीसी दिखाने लगा। तो वही दूसरी तरफ है लक्ष्मणपुर ब्लाक के रामपुर कलवारी का।
वहीं ग्रामीण इलाकों से लगातार शिकायतों का सिलसिला जारी है । शिकायतों पर जांच तो कराई जाती है लेकिन जांचकर्ता सप्लाई इंस्पेक्टर ही मामले को रफादफा कर निपटा दे रहे है, जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। यह तो महज बानगी भर है कमोवेश यही स्थित पूरे जिले की है। इस बाबत हमने जिले के अलाधिकारियों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की लेकिन ऊपर से बयान पर रोक की बात कहते हुए कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं।
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(रिपोेर्ट- मनोज त्रिपाठी, प्रतापगढ़)