सोनभद्रः नोवल कोरोना वायरस से आज पूरा विश्व लड़ रहा है जिससे भारत भी अछूता नही है। जिसको लेकर केंद्र सरकार ने 21 दिनों का लॉक डाउन (lockdown) किया हुए है। जिससे देश के अति पिछड़े 115 जिलो में शामिल सोनभद्र जिला नक्सल प्रभावित भी है , जिसकी सीमाएं चार प्रान्तों से लगती है तथा आदिवासी बाहुल्य जिला भी है। इसको मद्दे नजर रखते हुए जनपद के सभी 637 ग्राम पंचायत के लिए जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बड़ा कदम उठाया है।
पंचायत अन्नपूर्णा किचन की शुरुआत
lockdown के बीच जिलाधिकारी ने डीपीआरओ आरके भारती को निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्राम पंचायतों के स्कूल पर ग्राम प्रधानों एवं गांव के गणमान्य व्यक्तियों के सहयोग से पंचायत अन्नपूर्णा किचन का गठन किया जाय। जिसमें जिलाधिकारी ने स्वयं डी एमएफए फंड (खनिज निधि) से जिले की सभी ग्राम पंचायतों लाखों रुपए भेजा है ।
ये भी पढ़ें..राजधानी लखनऊ में DM ने 1690 लोगों को उपलब्ध कराई दवाएं
ग्राम प्रधानों से की गई अपील
वही जिला पंचायत राज अधिकारी ने राज्य वित्त आयोग से 637 ग्राम पंचायतों में 5 हजार की धनराशि कुल रुपये 3185000 आपदा के समय खर्च की जा सकती है का अनुमोदन दिया है। इसके साथ ही निर्देशित किया कि कोई भी जनपद में बाहर से आया हुआ हो तथा गांव में निराश्रित है या उसके पास भोजन नहीं है जनपद में कोई भूखा न रहे इस उद्देश्य से ग्राम पंचायतों में पंचायत अन्नपूर्णा किचन से सभी को खाना उपलब्ध कराया जाएगा। जिला पंचायत राज अधिकारी ने पत्र लिखकर सभी प्रधानों से अपील किया कि सभी लोगों को इस संक्रमण से सुरक्षित रखना है और लॉकडाउ (lockdown) न का भी पालन करना है। ऐसे में कोई व्यक्ति भूखा न रहे यह भी सुनिश्चित किया जाना है ।
सशक्त व्यक्ति से दान करने की अपील
उऩ्होंने कहा हम लोगों का यह भी दायित्व है उन लोगों को खाना खिलाने के लिए हमारे ग्राम पंचायतों में जो सशक्त व्यक्ति हैं जो समृद्ध हैं वह लोग चावल, आटा, दाल, नमक, तेल, मसाला इत्यादि का दान करें। इस अन्नपूर्णा किचन का संचालन जनपद के सभी स्कूलों पर किया जा सके एवं जो भी व्यक्ति उस गांव में निराश्रित है अथवा उसके पास भोजन की समस्या हो रही है तथा बाहर से जिले से दूसरे प्रदेशों से आए हुए व्यक्ति अगर गांव में रुके हुए है उनको भी खाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा सके।
पंचायत की भूमिका महत्वपूर्ण
इस कार्य में हमारे सभी गणमान्य प्रधान सभी सचिव सहायक विकास अधिकारी पंचायत की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। इसलिए सभी प्रधान तत्काल इस काम को जन सेवा नारायण सेवा के तर्ज पर करते हुए अन्नपूर्णा किचन का गठन कर अधिक से अधिक गांव के लोगों से अपील कर राहत सामग्री प्राप्त कर निराश्रित लोगों को खाना खिलाने का व्यवस्था करें।
ये भी पढ़ें..corona दहशत के बीच 700 किमी साइकिल चलाकर घर पहुंचे पेंटर…
(रिपोर्ट- रविदेव पाण्डेय, सोनभद्रा)