‘शादी करके फंस गया यार अच्छा खासा था कुवारा’ वाली कहावत तो आपने सुनी ही होगी. बिहार के छपरा (bihar Chhapra) में इसी कहावत को चरितार्थ करने वाला एक मामला सामने आया है.
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ये है पूरा मामला
दरअसल बिहार में जिस दिन दूल्हे की बारात थी, उसके अगले ही दिन पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई. दूल्हा कोलकाता से बारात लेकर छपरा (bihar Chhapra)के मांझी आया था, लेकिन लॉकडाउन के कारण रेलगाड़ी के साथ-साथ सड़क यातायात भी बंद हो गया. ऐसे में दुल्हन के घरवालों ने दूल्हा-दुल्हन और बारातियों को गांव के बाहर एक स्कूल में ठहरा दिया.
गांव के स्कूल ठहरे है 36 बाराती
इस गांव में 22 दिनों से 36 बारातियों ने स्कूल में ही काट रहे है. 21 दिन किसी तरह बिताने के बाद अब इन बारातियों का सारा पैसा खत्म हो चुका है. लिहाजा अब गांव वालों की मदद से ये लोग भोजन कर रहे हैं. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने लॉकडाउन की अवधि को फिर से 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है, जिसके बाद ये लोग परेशान हो गए हैं. हालांकि इन लोगों ने वापस लौटने के लिए प्रशासन से पास भी निर्गत कराया था, लेकिन झारखंड प्रशासन ने इनके पास को अमान्य करार देते हुए वापस लौटा दिया.
घर छोड़ बारातियों संग कैंप में रह रही दुल्हन
वहीं बारातियों के कष्ट को देखते हुए दुल्हन खुशबू भी अपने मायके को छोड़ बारातियों के साथ कैंप में रह रही है. बारात में शामिल फिरोज का कहना है कि वे लोग लॉकडाउन में फंस चुके हैं, लेकिन मांझी के ग्रामीणों ने उनकी काफी मदद की है. संजीव कुमार ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से तमाम बारातियों को भोजन की व्यवस्था कराई जा रही है. हिंदू-मुस्लिम का भेदभाव छोड़कर तमाम लोग लॉकडाउन में फंसे लोगों की मदद कर रहे हैं.
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