हाथरस– यूपी के हाथरस में जिला प्रशासन का कारनामा देखने को मिला जहाँ एक जिन्दा व्यक्ति को सरकारी दस्तावेजों ने मुर्दा बना दिया। अपने निजी लाभ के लिए प्रशासन के कर्मचारियों की मिली भगत से जिन्दा को मुर्दा और मुर्दा को जिन्दा करने में सरकारी कागजों में देर नहीं लगती |
योगी सरकार प्रदेश में भृष्टाचार मिटाने और अधिकारियों से जनता के लिये कार्य करने की बातें कर ले पर सरकारी मशीनरी पर इसका कोई असर नही पड़ने वाला। सादाबाद तहसील के गांव मढ़ा भोज का रहने वाला ओमप्रकाश पुत्र रघुवीर सिंह को सरकारी अभिलेखों में मृत घोषित कर दिया गया है। योगी सरकार द्वारा किसानों के लिये की गयी एक लाख की माफी का उसे फायदा नहीं मिला क्योंकि सरकार मृतक का कर्जा तो माफ नहीं करेगी। तब से लेकर अब तक ओमप्रकाश सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा लगा कर थक गया है।तहसील में अपनी शिकायत लेकर आये ओमप्रकश का कहना है कि ग्राम प्रधान और लेखपाल ने मिल कर अपने निजी फायदे के लिये उसे सरकारी कागजों में मृत घोषित कर दिया है। वो उपजिलाधिकारी से गुहार लगा रहा है कि उसे कागजों में जिन्दा कर दें ताकि वो भी सरकार की कर्ज माफी योजना का लाभ ले सके।
ओमप्रकाश ने तहसीलदार सादाबाद को अर्जी दे कर सरकारी कागजों में अपने जिन्दा होने की गुहार लगाई ; लेकिन उसकी इस अर्जी पर अभी तक कोई सुनबाई नहीं हो सकी। अब उसने उपजिलाधिकारी सादाबाद से सरकारी अभिलेखों में जिन्दगी मांगी है। उपजिलाधिकारी जय प्रकाश का कहना है कि उनके पास शिकायत आई है जांच कर उचित कार्यवाही की जायेगी।
(रिपोर्ट – सूरज मौर्या , हाथरस )