उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्ट पुलिसवालों (policemen) को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्रवाई शुरू की हैं। इसी के तहत कानपुर में पुलिस विभाग में काम न करने वाले, भ्रष्टाचार के आरोपों में लिप्त 50 साल से अधिक आयु वाले कर्मियों को हटाया जाएगा। इनकी सूची तैयार कर स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखी जाएगी।
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वहीं डीआईजी डॉ. प्रीतिन्दर सिंह ने बताया कि यह हर साल की प्रक्रिया है। इसमें 31 मार्च 2020 को जो पुलिसकर्मी (policemen) 50 साल या उससे ज्यादा की आयु पार कर चुके हैं, उनकी सूची तैयार होती है। इसमें यह देखा जाता है कि किस पुलिसकर्मी (policemen) के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। कौन पुलिस कर्मी हैं, जो पूरी नौकरी में आधे से ज्यादा समय ड्यूटी पर नहीं आए। इनको स्क्रीनिंग कमेटी छांटेगी। फिर ऐसे पुलिसकर्मियों को रिटायर कर दिया जाएगा।
बिहार में भी थी छंटनी की तैयारी
बता दें कि बिहार में भी कुछ दिनों पहले 50 साल से अधिक उम्र वाले पुलिसकर्मियों की छंटनी की बातें सामने आई थी। दरअसल, बिहार पुलिस की तरफ से 25 अगस्त को जारी हुए एक पत्र में 50 साल से अधिक उम्र वाले पुलिसकर्मियों की हर महीने कार्य दक्षता की समीक्षा करने की बात कही गई थी।
पत्र के मुताबिक, एक समिति का गठन किया गया जो प्रत्येक महीने की 9 तारीख को 50 साल से अधिक उम्र वाले पुलिसकर्मियों की समीक्षा करेगी। पुलिसकर्मियों के कामकाज की समीक्षा मुख्यालय स्तर पर की जाएगी। अगर वो अपने काम में दक्ष नहीं पाए गए तो उनको जबरन रिटार्यड कर दिया जाएगा।
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