फतेहपुर–उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में खाद्य रसद विभाग में बड़ा घोटाला सामने आ रहा है । यहां सरकारी मुलाजिमों के द्वारा गरीबों के निवाले पर डाका डाला जा रहा है और प्रशासन गरीबों के राशन की कालाबाजारी पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
पूरा मामला फतेहपुर जिले के बिन्दकी तहसील के अंतर्गत देवमई ब्लॉक का है, जहां सरकारी कर्मचारी राशन वितरण में एक बड़े खेल को अंजाम दे रहे हैं। दरअसल आज ग्रामसभा कलाना मजरे नारायनपुर के कुछ गरीब परिवार जब राशन लेने के लिए कोटेदार के पास पहुंचे तो उन्हें हर बार से कम मात्रा में अनाज मिला। जब लोगों ने कोटेदार से इस बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि इस बार उनके राशन कार्ड में कम यूनिट है , जिसकी वजह से वर्तमान यूनिट के हिसाब से इतना अनाज दिया गया है। मौके पर मौजूद नारायनपुर निवासी लक्ष्मीनारायण ने अपना राशन कार्ड दिखाते हुए बताया कि अभी तक उन्हें राशन कार्ड के हिसाब से 5 लोगों का अनाज मिलता था , लेकिन आज उन्हें सिर्फ एक व्यक्ति के हिसाब से कोटेदार ने अनाज दिया है। कुछ ऐसा ही वाकया गांव के ही रामलखन सिंह, जगदीश सहित लगभग 50 लोगों के साथ हुआ है। अब बेचारे गरीब अपने हक के निवाले के लिए परेशान हैं और आलाधिकारियों की चौखट पर दरकार लगा रहे हैं।
हालांकि कोटेदार राजाराम का कहना है कि पीड़ितों से कई बार आधार कार्ड लाने के लिए कहा गया लेकिन जब उन लोगों ने आधार कार्ड नहीं दिया तो इस बार उनकी यूनिट कम कर दी गई। पीड़ितों के अनुसार गौरतलब है कि कोटेदार हर दो महीने में उनसे आधार कार्ड लाने के लिए कहता है और वो उसे आधार कार्ड लाकर देते भी हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या हर महीने आधार कार्ड को राशन कार्ड से लिंक कराने की जरूरत पड़ती है? इस तरह की हीलाहवाली कहीं न कहीं एक बड़े भ्रष्टाचार की आशंका पैदा कर रही है।
(रिपोर्ट-श्वेता सिंह)