भारत-चीन सीमा (LAC) पर तैनात जालौन का जवान ऑक्सीजन की कमी के कारण शहीद हो गया था। आज उसका पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उसको अंतिम विदाई दी गई। अंतिम विदाई के लिये उरई विधायक गौरीशंकर के साथ उपजिलाधिकारी सतेंद्र सिंह के साथ पूरा गांव उमड़ा हुआ था।
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जालौन के उरई तहसील के जैसारी कला गांव के रहने वाले शहीद जवान धर्मपाल का चयन 2001 में भारतीय सेना में हुआ था। धर्मपाल सिंह भारतीय थल सेना के आर्टिलरी में हवलदार थे। धर्मपाल सिंह की तैनाती भारत-चीन बॉर्डर LAC पर लद्दाख की पहाड़ियों पर थी। पहाड़ों पर ऑक्सीजन की कमी से उनकी हालत बिगड़ गई थी, हालत गंभीर होने पर उन्हें चंडीगढ़ के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उनका 5 अगस्त को निधन हो गया। धर्मपाल सिंह की पहली तैनाती वर्ष 2001 में जोधपुर में हुई थी। 2005 में उनकी शादी हुई, उनके 2 बच्चे हैं, जिसमें एक बच्चे की पिछले वर्ष जन्म दिन में हुई हर्ष फायरिंग के दौरान मौत हो गई थी।
आज धर्मपाल का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके गांव पहुंचा पूरा गांव गमगीन हो गया और उन्हें अंतिम विदाई देने के लिये उमड़ पड़ा। जहां भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे से पूरा गांव गूंज गया। शहीद जवान धर्मपाल का पूरे राजकीय सम्मान के अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन से परिजनों के साथ ग्रामीणों का रो-रो कर बुरा हाल है। शहीद जवान धर्मपाल तीन भाई थे जिसमें वह दूसरे नंबर थे, बड़े भाई महिपाल सिंह, छोटे भाई इंद्रपाल गांव में खेती करते है।
(रिपोर्ट- अनुज कौशिक, जालौन)