बहुचर्चित लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को रिहाई मिल गई है। आशीष मिश्रा चार महीने बाद जेल से बाहर आ गए हैं. पिछले हफ्ते उन्हें इलाहाबद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ज़मानत दी थी. आशीष को करीब चार महीने पहले गिरफ्तार किया गया था. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शनकारी किसानों को जीप से कुचलकर मारने का आरोप है.
शर्तों पर मिली ज़मानत
आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह उन्हें घर लाने के लिए जेल पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि उनकी गाड़ी से मोनू घर जाएंगे. ज़मानत की शर्तों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि गवाहों पर दबाव न बनाने और सुबूतों से छेड़छाड़ न करने की शर्त पर ज़मानत दी गई है. वकील ने बताया कि आशीष मिश्रा जेल से तिकुनिया वाले घर पर नहीं जाएंगे.
SIT ने 5,000 पन्नों की दाखिल की थी चार्जशीट
इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी. इसके बाद एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें आशीष मिश्रा को हत्या का आरोपी बनाया गया. एसआईटी की ओर से कुल 16 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है. एसआईटी ने आरोपियों पर IPC की धाराएं 307, 326, 302, 34,120 बी,147, 148,149, 3/25/30 लगाई हैं.
10 फरवरी को मिली थी ज़मानत
आशीष मिश्रा की ज़मानत अर्ज़ी को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच 10 फरवरी को मंज़ूर करते हुए उन्हें ज़मानत देने का आदेश सुनाया था. बीते रोज़ कोर्ट ने जमानत आदेश में सुधार किया. इससे आशीष की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया. बता दें कि कोर्ट के आदेश में कुछ धाराएं उल्लेख से छूट गई थीं, जिसके कारण आशीष की रिहाई अटक गई थी.
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