सीएचसी व पीएचसी में एंटी रैबीज का अभाव,10 दिनों से चक्कर काट रहे मरीज

बहराइच–जिले के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी रैबीज के इंजेक्शन का टोटा हो गया है। जिससे स्वास्थ्य केंद्र पर जाने वाले मरीजों को एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। 

ग्रामीण क्षेत्र के मरीज पांच से 10 दिनों से स्वास्थ्य केंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। इंजेक्शन के अभाव में मरीज बैरंग वापस लौट रहे हैं तो कुछ लोग बाजार से मंहगे दामों में इंजेक्शन खरीदकर लगवा रहे हैं। कुत्तों व बंदर  के हमले में घायल होने वाले व्यक्ति के शरीर में विष न फैले, इसके लिए एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगाए जाते हैं। लेकिन जिले के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी रैबीज के इंजेक्शन नहीं है। जिससे केंद्रों पर इंजेक्शन लगवाने के लिए जाने वाले मरीज वापस लौट रहे हैं।

वहीं कुछ लोग जिंदगी बचाने के लिए बाजारों से अधिक रेट पर इंजेक्शन खरीदकर स्वास्थ्य कर्मियों से लगवा रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ग्रामीणों की समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। कुछ यही हाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोतीपुर, नवाबगंज, रमपुरवा, विशेश्वरगंज, नानपारा, कैसरगंज स्वास्थ्य केंद्रों की है। यहां मरीजों को एंटी रैबीज के इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। सभी केंद्र से वापस बैरंग लौट रहे हैं। 

10  दिनों से लगा रहे चक्कर, नहीं मिल रहा इंजेक्शन:

मिहींपुरवा विकास खंड अंतर्गत चितलहवा गांव निवासी रेहान और शमीम सुजौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एंटी रैबीज इंजेक्शन के लिए गए, लेकिन उन्हें सीएचसी मोतीपुर रेफर किया गया। लेकिन यहां भी एंटी रैबीज नहीं मिला। गायघाट निवासी गुरुप्यारे, प्रमोद कुमार दुर्गागौढ़ी, पचासा निवासी संतोष, गोकुलपुर निवासी दिनेश, नैनिहा निवासी जाकिर हुसैन ने बताया कि 10  दिनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन चिकित्सकों द्वारा इंजेक्शन न होने की बात कही जा रही है। कुछ यही हाल हरखापुर निवासी रामनरेश, सेमरी निवासी दीपू व गूढ़ निवासी रितेश की है। सभी पांच दिनों से स्वास्थ्य केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं। 

(रिपोर्ट- अनुराग पाठक, बहराइच )

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