मिनी कुम्भ से पहले सन्तों ने गंगा में गिरने वाले नाले को लेकर उठायी आवाज

फर्रुखाबाद– फर्रुखाबाद में मेला रामनगरिया मिनी कुम्भ शुरू होने जा रहा है। शुरुआत होने से पहले सन्तों ने गंगा में गिरने बाले नाले को लेकर आवाज  उठाना शुरू कर दिया है। 

साधु संतो का कहना है की उद्धघाटन से पहले नाला बंद नही हुआ तो वह पुल पर अनशन करेंगे । फर्रुखाबाद के पांचाल घाट गंगा तट पर करीब पचास वर्षो से मेला लगता चला आ रहा है। इस माघ मेला में हजारो साधू सन्त व कल्पवासी गंगा स्नान करते है गंगा में पूरे शहर के नालो का पानी गंगा में गिरता है। 

केंद्र में भाजपा सरकार के पांच साल पूर्ण होने वाले है। इस समय प्रयागराज में कुम्भ मेले के बाद भी बाद भी गंगा मैली की मैली दिखाई दे रही है।जिसका मुख्य कारण यह है शहर से निकलने वाले नालों का पानी सीधा गंगा में प्रवाहित हो रहा है।उन नालों पर कोई भी ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया गया है दूसरी तरफ बड़े नालों के बाद गंगा के किनारे बसे दर्जनों गांवों की गंदगी गंगा में जा रही है। ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कई सालों से आंदोलन चलाये जा रहे है।बहुत से समाजसेवी आमरण अनशन भी बैठे तो जिला प्रसाशन ने उनको उठाने के लिए बड़े बड़े वादा भी कर दिए लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया जा सका।शहर में छपाई करने के सैकड़ो कारखाने चल रहे है उनका रंगीन केमिकल्स युक्त पानी भी गंगा के जल में विष घोल रहा है।गंगा प्रदूषण नियंत्रण विभाग के कर्मचारी जब भी कारखानों पर छापेमारी करते है।वह लोग अपनी अपनी जेब गर्म करने के बाद कोई कार्यवाही नही करते है।जब कि गंगा को अपनी माँ के रूप में मानने वाले लोग उसके जल को पीने के बाद अपनी प्यास बुझाते है।

जब गंगा में गिर रहे नालों को लेकर आम जनता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि आज से 20 वर्ष पहले जनसंख्या कम होने के साथ गंगा के जल का दोहन नही होता था अब कई कार्यो में जल का दोहन किया जा रहा है।गंगा में जो जल के रूप में पानी दिखाई दे रहा है उसके आधा पानी गन्दे नालों से आता है।

(रिपोर्ट- दिलीप कटियार, फर्रुखाबाद ) 

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